कानूनी कवायदों को पूरा करने और दुर्घटना की स्थिति में होने वाले वित्तीय नुकसान से सुरक्षा के लिए दोपहिया वाहन यानी टू व्हीलर बाइक का इंश्योरेंस कराने की सलाह दी जाती है.

नौकरीपेशा कर्मचारी की मौत के बाद परिवार के सदस्‍यों के पास होते हैं क्‍या अधिकार? आपको जरूर जानना चाहिए

लाइफ में अनहोनी किसी के साथ भी हो सकती है. ऐसे में सभी को उन अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जो बुरे समय में परिवार के लिए बड़ा सपोर्ट बन सकते हैं.

आज के समय में तमाम लोग प्राइवेट नौकरी करते हैं. उनकी सैलरी से ही उनका घर चलता है. लेकिन अगर नौकरी पीरियड के दौरान ही व्‍यक्ति की मौत हो जाए, तो उसके परिवार का क्‍या होगा? ऐसे में उसके परिवार का खर्च कैसे चलेगा? हम सभी जानते हैं कि लाइफ में अनहोनी किसी के साथ भी हो सकती है. ऐसे नो डिपॉजिट बोनस में सभी को उन अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जो बुरे समय में परिवार के लिए बड़ा सपोर्ट बन सकते हैं. यहां जानिए नौकरीपेशा कर्मचारी की मृत्‍यु होने पर परिवार के सदस्‍य कंपनी से क्‍या-क्‍या फायदे ले सकते हैं.

सैलरी और बोनस

कर्मचारी की बकाया सैलरी, बोनस आदि सभी का भुगतान कंपनी की ओर से कर्मचारी के नॉमिनी को किया जाता है. अगर व्‍यक्ति ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है, तो जो भी मृत्‍यु के बाद कानूनी रूप से उसका वारिस होगा, वो कंपनी से बकाया सैलरी के अलावा अन्‍य सभी अधिकारों के लिए क्‍लेम कर सकता है.

पीएफ का पैसा

किसी भी कर्मचारी की सैलरी में से कुछ हिस्‍सा हर महीने पीएफ अकाउंट में भी जाता है. अगर इस बीच कर्मचारी की मौत हो जाती है तो पीएफ में जमा पूरा पैसा उसका नॉमिनी निकाल सकता है और नॉमिनी न होने पर वारिस निकाल सकता है. नॉमिनी का नाम ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट किया गया है, तो नॉमिनी पीएफ के पैसे के लिए ऑनलाइन क्‍लेम कर सकता है.

EPFO इंश्‍योरेंस

नौकरी करने के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर कर्मचारी भविष्‍य निधि मेंबर के नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी या पारिवारिक सदस्‍य को ढाई लाख से लेकर मैक्सिमम 7 लाख रुपए तक का इंश्‍योरेंस बेनिफिट भी मिलता है. ये फायदा कर्मचारी के परिवार को एम्प्लॉइज डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (Employees Deposit Linked Insurance) स्‍कीम के तहत दिया जाता है; ये नो डिपॉजिट बोनस नो डिपॉजिट बोनस स्‍कीम ईपीएफओ की तरफ से चलाई जाने वाली एक बीमा योजना है, जो ईपीएफओ में रजिस्‍टर्ड हर कर्मचारी के लिए चलाई जाती है. अगर ईपीएफओ मेंबर लगातार 12 महीनों से नौकरी करता आ रहा है तो कर्मचारी की मृत्‍यु के बाद नॉमिनी को कम से कम 2.5 लाख तक का लाभ मिलेगा.


पेंशन का लाभ

अगर कर्मचारी 10 वर्षों से ईपीएफओ में अपना योगदान दे रहा है, तो वो ईपीएफओ से पेंशन पाने का अधिकारी होता है. ये पेंशन उसे ईपीएस के तहत दी जाती है. लेकिन कर्मचारी की मौत होने पर ईपीएस के तहत मिलने वाली पेंशन का लाभ मृतक कर्मचारी के जीवनसाथी (पति/पत्‍नी) को और दो बच्‍चों को मिल सकता है. लेकिन इसके लिए बच्‍चों की उम्र 25 साल से कम होनी चाहिए. अगर मृतक का जीवनसाथी जिंदा है तो बच्‍चों को सिर्फ 25-25 प्रतिशत हिस्‍सा ही, 25 साल की आयु पूरी होने तक मिलेगा. अगर संतान विकलांग है तो उसे 75 फीसदी हिस्‍सा जीवनभर मिल सकता है. अगर कर्मचारी अविवाहित है तो पेंशन उसके माता-पिता को दी जाएगी. अगर कर्मचारी के परिवार में कोई नहीं है, तो जो भी नॉमिनी होगा, उसे पेंशन का लाभ मिलेगा.

ग्रैच्‍युटी

अगर कर्मचारी को किसी कंपनी में काम करते हुए 5 साल या इससे ज्‍यादा समय हो गया है, तो वो ग्रैच्‍युटी का हकदार होता है. उसकी मौत हो जाने पर नॉमिनी ग्रैच्‍युटी की रकम का हकदार है. ग्रैच्‍युटी की रकम उसकी सैलरी और नौकरी के सालों के हिसाब से तय होती है. कंपनी चाहे तो तय रकम से ज्‍यादा भी दे सकती है. लेकिन नियम के मुताबिक 20 लाख रुपए से ज्‍यादा ग्रैच्‍युटी नहीं दी जा सकती. अगर नॉमिनी न हो, तो कानूनी वारिस को ये रकम दी जाती है.

Two Wheeler Insurance : बाइक के लिए कैसे चुनें सही इंश्योरेंस पॉलिसी? क्या हैं ऐड-ऑन के फायदे

बाइक इश्योरेंस पॉलिसी को बेहतर बनाने के लिए ऐड-ऑन या राइडर्स की मदद ली जा सकती है. हालांकि इसके लिए बाइक मालिक को अलग से प्रीमियम पेमेंट करना होगा.

Two Wheeler Insurance : बाइक के लिए कैसे चुनें सही इंश्योरेंस पॉलिसी? क्या हैं ऐड-ऑन के फायदे

कानूनी कवायदों को पूरा करने और दुर्घटना की स्थिति में होने वाले वित्तीय नुकसान से सुरक्षा के लिए दोपहिया वाहन यानी टू व्हीलर बाइक का इंश्योरेंस कराने की सलाह दी जाती है.

How to Make Best Two Wheeler Insurance with Add-Ons: कानूनी कवायदों को पूरा करने और दुर्घटना की स्थिति में होने वाले वित्तीय नुकसान से सुरक्षा के लिए दोपहिया वाहन यानी टू व्हीलर बाइक का इंश्योरेंस कराने की सलाह दी जाती है. मगर दोपहिया वाहन मालिक अपनी जरूरतों के अनुरूप थर्ड पार्टी इंश्योरेंस या कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस पालिसी या फिर स्टैडअलोन पॉलिसी में से किसे चुने इसे सारे खासें कनफ्यूज रहते हैं. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस मुख्य इंश्योरेंस पॉलिसी है, इसे वाहन के सड़क पर आने से पहले बाइक मालिक को खरीदना चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ये इंश्योरेंस पॉलिसी सभी टू व्हीलर मालिक को अपनी बाइक की सेफ्टी के लिए खरीदना जरूरी है. स्टैंडअलोन पॉलिसी ‘स्वयं के नुकसान यानी ओन डैमेज’ को कवर करता है. वहीं कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी, स्टैंडअलोन और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस इन दोनों ही पालिसियों का कांबिनेशन है.

टू व्हीलर फाइनेंसिंग स्टार्ट-अप कंपनी OTO के को-फाउंडर और सीईओ सुमित छाजेड़ (Sumit) ने कहा कि इंश्योरेंस कस्टमाइजेशन (Insurance Customisation) सिर्फ स्टैंडअलोन या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी के साथ ही संभव है. उन्होंने बताया कि बाइक इश्योरेंस पॉलिसी को बेहतर बनाने के लिए ऐड-ऑन या राइडर्स की मदद ली जा सकती है. हालांकि इस ऐड-ऑन के लिए अलग से एडिशनल प्रीमियम देना होगा. और इसे कोई भी बाइक मालिक खरीद सकता है.

बाइक इंश्योरेंस के साथ जोड़ा जाने वाला ऐड-ऑन विभिन्न बीमा कंपनियों के अलग हो सकते हैं. बाइक इंश्योरेंस को बेहतर बनाने कुछ आसान तरीके यहां बताए गए हैं.

जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर

गुजरते समय के साथ बाइक का इस्तेमाल करने से उसी कीमत घटती जाती है. बाइक की कीमत में समय के साथ आ रही गिरावट का असर पॉलिसीहोल्डर यानी मालिक पर पड़ता है, ऐसे में मुख्य बीमा पॉलिसी के आलावा बीमा कंपनी द्वारा खरीदा गया ऐड-ऑन ‘जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस’ बैटरी, ट्यूब और टायरों को छोड़कर आपकी बाइक के बाकी सभी भागों के लिए 100 फीसदी नुकसान को कवर करेगी. बता दें वाहन की बैटरी, ट्यूब और टायरों के नुकसान होने पर ये ऐड-ऑन सिर्फ 50 फीसदी का कवर देगी. स्टैंडअलोन या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी के साथ बाइक के लिए जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर का विकल्प चुना जा सकता है. फिलहाल ज्यादातर बीमा कंपनियां एक कार्यकाल में अधिकतम 2 जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर की अनुमति देती हैं, कुछ ऐसे भी बीमा कंपनियां हैं जो एक कार्यकाल के दौरान अनलिमिटेड कवर की अनुमति देती हैं.

रोडसाइड असिस्टेंस

सफर के दौरान बाइक में खराबी एक ऐसी चीज है जो कभी भी सामने आ सकती है और ये आपको परेशानी में डाल सकती है. हालांकि, अगर आपकी बाइक पर रोडसाइड असिस्टेंस का कवरेज है, तो आप बीमा कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए नंबर पर कॉल करके समय सीमा के भीतर संबंधित मोटर मैकेनिक की मदद ले सकते हैं. बाइक के टायर की गड़बड़ी हो या वाहन की अन्य खामी बीमा कंपनी की तरफ से उसे सही कराए जाने में मदद मिलती है. इसके अलावा, पंचर सहायता, इमरजेसी फ्यूल डिलीवरी, मौके पर रिपेयरिंग, कैब सर्विस, एकोमेडेशन, वाहन की चाबी लॉक-आउट सहायता, पुर्जों की शिपमेंट, रूट गाइडेंश और टेली-असिस्टेंट की सुविधा बीमा कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराई जाती है.

पैसेंजर असिस्टेंस कवर

नाम से पता चलता है कि पैसेंजर असिस्टेंस उस शख्स को कवर करता है जो दुर्घटना की स्थिति में सफर के दौरान बाइक चलाने वाले ड्राइवर के पीछे बैठा था. बाइक के पिछले सीट पर बैठे पैसेंजर का जीवन भी उतना ही अहम है जितना कि राइडर यानी बाइक चलाने वाले ड्राइवर. पैसेंजर असिस्टेंस कवर सफर के दौरान अचानक सड़क हादसे में बाइक राइडर के पीछे वाली सीट पर बैठे पैसेंजर को घातक चोट आ जाने पर कवर करता है.

रिटर्न टू इनवाइस

मुख्य बाइक बीमा जैसे स्टैंडअलोन ओन डैमेज पॉलिसी या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी दुर्घटना की स्थिति में बाइक को हुए नुकसान को कवर करती है. लेकिन बाइक चोरी या 70 फीसदी रिपेयर न हो पाने के मामले में बीमा कंपनी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) प्रदान करती है जिसमें बाइक की मार्केट प्राइस से डेप्रिसिएशन कम है. IDV वैल्यू खरीदारी के समय बनाए गए इनवाइस वैल्यू से अपेक्षाकृत कम है क्योंकि इसमें रजिस्ट्रेशन चार्ज और रोड टैक्स दोनों शामिल हैं. हालांकि, नो डिपॉजिट बोनस ऐड-ऑन के तौर पर बाइक के लिए लिय़ा गया रिटर्न टू इनवाइस कवर IDV और इनवाइस वैल्यू के बीच के अंतर को पाटने का काम करता है, साथ ही रिटर्न टू इनवाइस यह भी सुनिश्चित करता है कि बाइक मालिक को IDV की बजाय इनवाइस वैल्यू मिले.

नो क्लेम बोनस का प्रोटेक्शन

नो क्लेम बोनस बीमा कंपनी द्वारा दिया जाने वाला एक रिवार्ड या डिस्काउंट है. अगर पॉलिसीहोल्डर ने इंश्योरेंस टेन्योर के के दौरान नुकसान के लिए कोई दावा नहीं किया है तो अगली बार पॉलिसी रिनुअल पर लाभ दिया जाता है.

Yes Bank लेकर आया स्पेशल स्पेशल एफडी ऑफर, इतने टाइम पीरियड की FD पर मिलेगा तगड़ा रिटर्न

यस बैंक अपने ग्राहकों के लिए शानदार फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान लेकर आया है. बैंक 30 महीने की एफडी पर तगड़ा ब्याज का ऑफर दे रहा है.

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प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों के लिए हर महीने नए-नए ऑफर ले आते हैं. प्राइवेट सेक्टर के टॉप बैंकों में शुमार यस बैंक ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में बदलाव किया है. बैंक ने 2 करोड़ तक के फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दर में बदलाव किया है. यस बैंक की ये नई दरें 9 दिसंबर से लागू होंगी.

यस बैंक ने वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizen) के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट 8 नो डिपॉजिट बोनस फीसदी कर दिया है. ग्राहकों को 8 फीसदी ब्याज प्राप्त करने के लिए 30 महीने स्पेशल फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश करना होगा. वहीं सामान्य लोगों को इस अवधि में फिक्स्ड डिपॉजिट पर बैंक 7.50 फीसदी दर से ब्याज देगा.

FD पर ब्याज दरें

वहीं बैंक की अन्य अवधि की फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाली ब्याज दरों की बात करें, तो 7 दिनों से 10 वर्षों में मैच्योर होने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर बैंक 3.25 फीसदी से लेकर 6.75 फीसदी तक का ब्याज ऑफर कर रहा है.

इसके अतिरिक्त यस बैंक ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए लिए पहले ही 8 फीसदी दर से 30 महीने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट की स्पेशल स्कीम पेश की है.

बैंक 7 दिनों से 14 दिनों में मैच्योर होने वाले फिक्स्ड डिपॉजिट पर 3.25 फीसदी इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहा है. 15 दिनों से 45 दिनों में परिपक्व होने वाली FD पर बैंक 3.70 फीसदी की दर से इंटरेस्ट दे रहा है. 46 दिनों से 90 दिनों में मैच्योर होने वील FD पर 4.10 का इंटरेस्ट ऑफर कर रहा है. 91 दिनों से 180 दिनों के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 4.75 फीसदी का ब्याज मिलेगा.

10 साल की FD पर मिलेगा इतना इंटरेस्ट रेट

यस बैंक 181 दिनों से 271 दिनों में मैच्योर होने वाली FD पर 5.50 फीसदी की दर से ब्याज ऑफर कर रहा है. 272 दिनों से एक वर्ष की FD पर 5.75 फीसदी की दर से बैंक ब्याज ऑफर कर रहा है.

1 वर्ष से 36 महीने वाले FB प्लान में बैंक 7 फीसदी दर से ब्याज ऑफर कर रहा है. 36 महीने से 120 महीने में परिपक्व होने वाली FD पर 6.75 फीसदी की दर से ब्याज पेश कर रहा है.

स्पेशल FD स्कीम

बता दें कि इससे पहले यस बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए 12 अक्टूबर 2022 को 20 से 22 महीने की स्पेशल फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम लांच की थी. इस स्कीम में जमा राशि पर आम लोगों को 7.25 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों को 7.75 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. 9 दिसंबर 2022 को यस बैंक ने 30 महीने की एक स्पेशल फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम लॉन्च कर दी. इस स्कीम में पैसा जमा करने पर सामान्य लोगों को 7.50 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों को 8 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.

English Summary: Yes Bank fixed Deposit offer 30 months senior citizen get 8 percent interest rate Published on: 12 December 2022, 12:34 IST

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