आखिरी के 100 शेयरों से होगी शुरुआत: नवंबर में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के संयुक्त बयान के मुताबिक 25 फरवरी से बाजार पूंजीकरण के हिसाब से एनएसई और बीएसई के आखरी के 100 शेयरों में T+1 सेटेलमेंट साइकिल लागू हो जाएगा। जिसके बाद मार्च के आखिरी शुक्रवार को फिर बाजार पूंजीकरण के हिसाब से आखिरी के 500 शेयरों में T+1 सेटेलमेंट साइकिल को लागू किया जाएगा। इसी तरह हर महीने 500 शेयरों को जोड़ा जाएगा। T+1 सेटेलमेंट साइकिल को सेबी चरणबद्ध तरीके से लागू कर रहा है जिससे ब्रोकर्स और एक्सचेंज को भी अपने सिस्टम अपग्रेड करने के लिए समय मिल सके।स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है
NSE और BSE के बीच क्या अंतर है?
आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे NSE और BSE किसे कहते है और Difference Between NSE and BSE in Hindi की NSE और BSE में क्या अंतर है?
जब भारत में इक्विटी स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है शेयर बाजार की बात आती है, तो दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज होते हैं जो ट्रेडिंग वॉल्यूम के बड़े हिस्से का आनंद लेते हैं। एक Bombay Stock Exchange है, जिसे BSE के रूप में संक्षिप्त किया गया है, जबकि दूसरा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है, जिसे NSE भी कहा जाता है। ये भारत के दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं और जापान, चीन और हांगकांग के बाद पूरे एशिया में सबसे बड़े हैं।
चाहे आप निवेशक हों या व्यापारी, यह समझना आवश्यक है कि ये स्टॉक एक्सचेंज क्या हैं और बीएसई और एनएसई के बीच महत्वपूर्ण अंतर क्या है।
अगर NSE और BSE के बीच मुख्य अंतर की बात करें तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज(BSE) एशिया के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज में से एक है, जो 9 जुलाई, 1875 को “द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” के रूप में परिचालन शुरू कर रहा है। बाजार पूंजीकरण के मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसका संचालन 1992 में शुरू हुआ, यह भारत में पूरी तरह से स्वचालित व्यापार लाने वाला पहला एक्सचेंज था।
Difference Between स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है NSE and BSE in Hindi
अभी तक ऊपर हमने जाना की NSE और BSE किसे कहते है अगर आपने ऊपर दी गयी सारी चीजे ध्यान से पढ़ी है तो स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है आपको NSE और BSE के बीच क्या अंतर है इसके बारे में अच्छे से पता चल गया होगा।
अगर आपको अब भी NSE और BSE क्या होता है और इसमें क्या अंतर है इसको समझने में में कोई कन्फ़्युशन है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।
NSE | BSE |
यह भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है, साथ ही यह पूरी तरह से स्वचालित ट्रेडिंग सिस्टम की शुरूआत द्वारा स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है तकनीकी प्रगति का अग्रदूत है। | बीएसई एशिया के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बाजारों में से एक है जो हाई-स्पीड ट्रेडिंग प्रदान करता है |
चूंकि इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है को इसकी स्थापना की शुरुआत से ही शामिल किया गया था, यह हमेशा पेपरलेस ट्रेड को बढ़ावा देने वाला पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंज रहा है | केवल 1995 में बीएसई ने 1875 से एक पेपर ट्रेडिंग पैटर्न का पालन करने के बाद इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में स्विच किया। |
वैश्विक स्टॉक एक्सचेंज रैंकिंग में एनएसई 11वें स्थान पर है | बीएसई वैश्विक स्टॉक एक्सचेंज रैंकिंग में 10वें स्थान पर है |
एनएसई इस सेगमेंट में अग्रणी है क्योंकि उसने इस पर एकाधिकार कर लिया है। | निवेशकों और व्यापारियों के बीच बीएसई का वॉल्यूम काफी कम है |
एनएसई में इसके तहत सूचीबद्ध 1600 से अधिक कंपनियां हैं | बीएसई में इसके तहत सूचीबद्ध 5000 से अधिक कंपनियां हैं। |
एनएसई का स्टॉक इंडेक्स – निफ्टी – शीर्ष 50 स्टॉक इंडेक्स देता है | बीएसई का स्टॉक इंडेक्स शीर्ष 30 स्टॉक इंडेक्स देता है |
एनएसई को 1993 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गई थी | 1957 में बीएसई एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज बन गया |
एनएसई इक्विटी, ऋण और मुद्रा डेरिवेटिव में व्यापार को बढ़ावा देता है | बीएसई ऋण उपकरणों, म्यूचुअल फंड और मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देता है |
शेयर बाजार में आज से शुरू हो जाएगी T+1 साइकिल, जानिए कैसे होगा निवेशकों का फायदा
चीन के बाद T+1 लागू करने वाला भारत दूसरा देश है। (एक्सप्रेस फोटो : गणेश शिर्सेकर)
भारतीय शेयर बाजार में आज 25 फरवरी से कारोबार करने स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है का तरीका बदल गया है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार में T+1 सेटलमेंट साइकिल लागू करने का फैसला किया है। जिससे निवेशकों को पहले के मुकाबले पैसा जल्दी मिलेगा। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जहां पर T+1 सेटेलमेंट को लागू किया गया है।
क्या होता है T+1 सेटलमेंट साइकिल?: शेयर बाजार में शेयरों की खरीद और बिक्री का एक सेटलमेंट साइकिल होता है। यह सेटलमेंट साइकिल तभी पूरा होता है जब खरीददार को शेयर मिल जाते हैं और बेचने वाले को उसकी राशि। 2002 की शुरुआत में सेटलमेंट साइकिल को T+5 से घटाकर T+3, फिर 2003 में T+3 से घटाकर T2 कर दिया गया था।
Stock एक्सचेंज और Commodity एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है ?
स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर्स को खरीदा व बेचा जाता है जो की स्टॉक्स,डिबेंचर्स ,बांड्स ,सिक्योरिटी इत्यादि होते है |
जबकि कमोडिटी एक्सचेंज वह स्थान है जहां मकई, सोना, चांदी, मक्का, सोयाबीन मवेशी, कॉफी जैसे सामानों का व्यापार किया जाता है ।
भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज
Bombay Stock Exchange – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज है जो महाराष्ट्र में मुंबई के दलाल स्ट्रीट में है |
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज Asia का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है जिसकी स्थापना सन 1875 में हुई थी|
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 6000 से भी ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है |
- यह विश्व का 10 वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है | बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है |
National Stock Exchange -नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का पहला fully Computerized स्टॉक एक्सचेंज है और भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार भी है |
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना सन 1992 में हुई थी |
- यह विश्व का 11 वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है |
- Nifty 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है | को देखकर आप भारत की अर्थव्यवस्था का पता लगा सकते है |
भारत के 23 स्टॉक एक्सचेंजों की सूची (Updated 2020)
- Ahmedabad Stock Exchange, Ahmedabad.
- Bangalore Stock Exchange, Bangalore.
- Bhubaneshwar Stock Exchange, Bhubaneshwar.
- Calcutta Stock Exchange, Kolkata.
- Canara Stock Exchange, Mangalore.
- Capital Stock Exchange Kerala Ltd., Thiruvananthapuram, Kerala.
- Chennai Stock Exchange, Chennai.
- Cochin Stock Exchange, Cochin.
- Delhi Stock Exchange, Delhi.
- Guwahati Stock Exchange, Guwahati.
- Hyderabad Stock Exchange, Hyderabad.
- Jaipur Stock Exchange, Jaipur.
- Koyambtour Stock Exchange, Coimbatore.
- Ludhiana Stock Exchange, Ludhiana.
- M. P. Stock Exchange, Indore.
- Magadh Stock Exchange, Patna.
- Meerut Stock Exchange, Meerut.
- Mumbai Stock Exchange, Mumbai.
- National Stock Exchange, Mumbai.
- Over the Counter Exchange of India, Mumbai.
- Pune Stock Exchange, Pune.
- U.P. Stock Exchange, Kanpur.
- Vadodara Stock Exchange, Vadodara.
स्टॉक एक्सचेंज में निवेश करने के तरीके
स्टॉक एक्सचेंज में दो प्रकार से निवेश किया जाता है –
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर को मार्केट में लाती है तो उसे IPO कहा जाता है निवेशक जब कंपनी के IPO को खरीदता है तो उसे प्राइमरी मार्केट में खरीदना पड़ता है. मतलब कि प्राइमरी मार्केट में वह किसी अन्य निवेशक से कंपनी के शेयर को नहीं खरीद रहा है प्राइमरी मार्केट में ही शेयर या प्रतिभूतियों का निर्माण होता है |
2. सेकेंडरी मार्केट
वास्तव में सेकेंडरी मार्केट को ही शेयर बाजार कहा जाता है. सेकेंडरी मार्केट में निवेशक कंपनियों को शामिल किये बिना शेयर में ट्रेड करते हैं यानि कि सेकेंडरी मार्केट ऐसा मार्केट होता है जहाँ पर निवेशक सीधे तौर पर कंपनी से शेयर नहीं खरीदते हैं, कंपनियों के शेयरों को उन्हें अन्य निवेशकों से खरीदना पड़ता है |
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज(BSE) क्या है| समझिए विस्तार से
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) भारत और एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, स्टॉक एक्सचेंज का मतलब होता है जब कोई इन्वेस्टर शेयर खरीदता या बेचता है तो उस शेयर का लेन देन स्टॉक एक्सचेंज की सहायता से ही होता है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 9 जुलाई 1875 में हुई थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत के 2 प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। दूसरा एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है।
भारत को अंतराष्ट्रीय वित्तीय बाजार में अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान दिलाने में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का अहम स्थान है।
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