Digital Currency: आ गया भारत का अपना डिजिटल रुपया, जानें आपको इससे क्या होंगे फायदे
Digital Currency: भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार से डिजिटल रुपये की शुरुआत की है, इससे अब आपको कैश लेकर इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं होगी. जानिए क्या होंगे फायदे?
By: अजातिका सिंह | Updated at : 01 Nov 2022 08:21 PM (IST)
Digital Currency: भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार 1 नवंबर से डिजिटल करेंसी यानी भारतीय रुपे की शुरुआत कर दी है. अपने पहले पायलट परीक्षण कार्यक्रम के जरिए डिजिटल रुपये का इस्तेमाल अब व्यापक रूप से किया जा सकेगा. इसके लिए रिजर्व बैंक ने नौ बैंकों- भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी- डिजिटल मुद्रा ऋण को इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया है.
डिजिटल रुपये के ज़रिए अब लोगों की कैश पर निर्भरता कम होगी और यह एक तरह से थोक खंड (Wholesale Transaction) के लिए अच्छा विकल्प भी साबित होगा. अभी तक ट्रांजेक्शन करेंसी, रुपये या चेक के माध्यम से या किसी बैंकिंग सिस्टम के माध्यम से किया जाता है. लेकिन डिजिटल नोट में कोई हार्ड करेंसी की जरूरत नहीं होगी. वॉलेट टू वॉलेट आप ट्रांजेक्शन कर पाएंगे.
जानिए क्या बताया एक्सपर्ट ने
नए प्रोजेक्ट की शुरुआत के साथ ही कई सवालों का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज ने आर्थिक विशेषज्ञ विजय सरदाना से उनकी राय जानी. सरदाना कहते हैं कि "मुझे लगता है कि काला धन इस प्रोजेक्ट के जरिए कम हो जाएगा, क्योंकि आगे आने वाले समय में सरकार उदाहरण के लिए पांच हजार से ज्यादा के ट्रांजेक्शन के लिए इसका इस्तेमाल अनिवार्य कर सकती हैं. सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी सरकार के पास रहेगी जिससे सभी के द्वारा होने वाले खर्चों पर सरकार की सीधी नजर रहेगी. हार्ड करेंसी पर निर्भरता कम हो जाएगी. ये सरकार की एक बहुत अच्छी शुरुआत है."
Crypto Currency से कैसे अलग होगी डिजिटल करेंसी?
ये Rupee to Rupee ट्रांजेक्शन पर आधारित है, क्राइपो में मार्केट का उछाल- गिरावट भी मायने रखते हैं. ये RBI यानि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है और उनके द्वारा ही रेगुलेटेड है. वहीं क्रिप्टो प्राइवेट एंटरप्राइज हैं, जिसके चलते उसमे जोखिम बहुत होता है. यहां आरबीआई में 9 बैंक शामिल हैं जिसके जरिए जानकारी मिलेगी कि कहां हमें इसका लाभ मिल रहा है. अभी आपको कैश जमा करना पड़ता है, संभाल कर रखना डिजिटल मुद्रा ऋण पड़ता है, बैंकों में जमा करना होता है, करेंसी डैमेज भी होती है, डिजिटल करेंसी आ जाने से अब ऐसा नहीं होगा.
गूगल पे, पेटीएम, UPI जैसे ई-वॉलेट से कैसे अलग है?
ई-वॉलेट में लिमिट होती है, लेकिन इसमें डिजिटल करेंसी से बड़ा अमाउंट भी आप ट्रांसफर कर पाएंगे. लेकिन इसमें सिक्योरिटी का भी बड़ा कंसर्न होगा. जिससे इसका मिसयूज ना हो. जैसे गलत नंबर पर पैसे ट्रांसफर करने की सूरत में क्या किया जाएगा. इसका ब्योरा भी RBI द्वारा साफ किया जाएगा.
क्या ये आम लोगों के लिए नहीं है?
आम लोग आरबीआई के पहले से इजाजत दिए गए ई-वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन होल सेल में ई-वॉलेट से काम नहीं हो पा रहा डिजिटल मुद्रा ऋण है, जिसके लिए इस प्रोजेक्ट को लाया गया है. जैसे शादी की शॉपिंग में होने वाले मोटे खर्च, मंडी में होने वाला खर्च इत्यादि, अब ये सब आसान हो जाएगा.
करेंसी नोट क्या खत्म हो जाएंगे?
नहीं, ऐसा नहीं होगा. लेकिन इससे सुविधा हो जाएगी. अभी आपके नोट फट जाएं या चोरी हो जाएं तो दिक्कत होगी. लेकिन डिजिटल करेंसी में ये सब परेशानी नहीं होगी. ट्रैवल करते समय कोई टेंशन नही होगी. अभी दो लाख -पांच लाख ट्रांसफर करने में मुश्किल आती है. जो अब आसान हो जाएगा. कैश ट्रांसफर को अपग्रेड करने का भी प्रयास किया जा रहा है.
Net banking से कैसे अलग है?
नेट बैंकिंग में पेमेंट चार्ज भी लगता है, इसमें कैश-टू-कैश ट्रांजैक्शन होगा. कोई चार्ज नहीं देना होगा.
RBI ने 9 बैंकों को ही इस प्रोजेक्ट के लिए क्यों चुना?
आरबीआई ने देखा होगा कि किस बैक का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत मजबूत है, किसकी साइबर सिक्योरिटी मजबूत है, किसकी पहुंच कितनी है- जैसे मापदंप आरबीआई ने देखे होंगे और उन्हें ही इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया होगा.
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Published at : 01 Nov 2022 08:10 PM (IST) Tags: Crypto currency RBI DIGITAL CURRENCY हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
Digital Currency: कैसे कर सकेंगे डिजिटल रूपी का इस्तेमाल? किन किन चीजों को खरीदने में आएगा काम
RBI Digital Rupee: रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है.
RBI Digital Currency: 1 नवंबर से डिजिटल रुपी का इस्तेमाल होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए किया जाएगा.
RBI Digital Rupee: देश में डिजिटल करेंसी यानि वर्चुअल करेंसी (Digital Rupee) की शुरुआत हो रही है. रिजर्व बैंक आज यानी 1 नवंबर 2022 को अपने डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर रहा है. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के नाम से भी जाना जाता है. शुरूआत में इस प्रोजेक्ट में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के करीब 9 बैंकों को जोड़ा गया है. हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. अभी होलसेल ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल किया जाएगा. 1 महीने के अंदर इसका रिटेल इस्तेमाल भी हो सकेगा. सवाल उठता है कि आखिर इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकेगा. इस बारे में रिजर्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर कुछ जानकारियां दी हैं.
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित
डिजिटल रूपी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. इसका इस्तेमाल उसी तरह से होगा, जैसे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल होता है. आरबीआई के अनुसार यह पेमेंट का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और डिजिटल मुद्रा ऋण अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा. इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी. देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी. RBI द्वारा रेगुलेट किए जाने से यह सेफ होगा. CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा.
इन 9 बैंकों को किया गया है सेलेक्ट
रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है. इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट की कामयाबी के बाद इसमें और बैंकों को भी जोड़ा जाएगा.की
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अभी कहां हो सकेगा इस्तेमाल
1 नवंबर से डिजिटल रुपी का इस्तेमाल होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए किया जाएगा. रिजर्व बैंक के मुताबिक, इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद बिक्री के लिए होगा. लेकिन एक महीने के अंदर रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए भी इसको इस्तेमाल लाया जाएगा.
रोजमर्रा की चीजें भी खरीद सकेंगे
डिजिटल रुपी के 2 फॉर्म हैं. पहला रिटेल (CBDC-R) और दूसरा होलसेल (CBDC-W) इस्तेमाल के लिए. रिटेल CBDC सभी कंज्यूमर यानी प्राइवेट सेक्टर, नॉन फाइनेंशियल कंज्यूमर्स और बिजनेस के लिए होगा. जबकि होलसेल CBDC सेलेक्टेड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए होगा. रिटेल CBDC रिटेल ट्रांजेक्शन का ही इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे.
कैसे कर सकेंगे इस्तेमाल
E-Rupee को आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे. इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट भी करा सकेंगे. आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए इस डिजिटल मुद्रा ऋण डिजिटल रूपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा और करेंसी नोट से इसे बदला भी जा सकेगा. ठीक उसी तरह जैसे हम ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करते हैं या मोबाइल वॉलेट चेक करते है, उसी तरह E-Rupee को इस्तेमाल को इस्तेमाल कर सकेंगे. डिजिटल रुपी को UPI से भी जोड़े जाने डिजिटल मुद्रा ऋण की तैयारी है.
डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत में कमी आएगी. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी के आने से डिजिटल मुद्रा ऋण देश की मौजूदा ट्रांजेक्शन सिस्टम में कोई बदलाव नहीं होगा. इससे लोग Paytm, PhonePe जैसे दूसरे अहम वॉलेट से लेन देन कर सकेंगे
Digital Currency: रिटेल सेक्टर के लिए डिजिटल डिजिटल मुद्रा ऋण रुपया कब तक लॉन्च करेगा RBI? गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया
आरबीआई थोक ई-रुपये के पायलट परीक्षण के बाद इसी महीने खुदरा ई-रुपये का परीक्षण शुरू कर देगा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह बात कही है. उन्होंने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शुरुआत को देश में मुद्राओं के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बताया.
RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में भारत की डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोग्राम शुरू किया है. चुनिंदा बैंकों को सेकेंडरी मार्केट के लेन-देन में इसका इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है. पहले दिन बैंकों ने करेंसी के डिजिटल रूप का इस्तेमाल करते हुए 275 करोड़ का कारोबार किया. अब खबर है कि आरबीआई ई-रुपये का रिटेल ट्रायल इसी महीने शुरू कर सकता है.
आरबीआई थोक ई-रुपये के पायलट परीक्षण के बाद इसी महीने खुदरा ई-रुपये का परीक्षण शुरू कर देगा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह बात कही है. उन्होंने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की शुरुआत को देश में मुद्राओं के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बताया. मंगलवार को सीमित बैंकों के बीच थोक लेनदेन के लिए ई-रुपये की शुरुआत की गई थी. उन्होंने कहा कि इससे कारोबार करने का तरीका काफी हद तक बदल जाएगा.
रिजर्व बैंक की डिजिटल करंसी को इन बैंकों ने लिया हाथों-हाथ, पहले दिन हुआ इतना ट्रांजैक्शन
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यहां बैंकरों के वार्षिक एफआईबीएसी सम्मेलन में कहा, खुदरा कारोबार के लिए सीबीडीसी का परीक्षण इस महीने के अंत में शुरू किया जाएगा. हम तारीख की घोषणा अलग से करेंगे. उन्होंने कहा कि आरबीआई 'निकट भविष्य में' सीबीडीसी को पूरी तरह पेश करना चाहता है. हालांकि, डिजिटल मुद्रा ऋण उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बतायी.
दास ने कहा, मैं एक तय तारीख नहीं बताना चाहता, जिस समय तक सीबीडीसी को पूरी तरह पेश किया जाएगा, क्योंकि इस संबंध में हमें बहुत सावधानी से आगे बढ़ना है. दुनिया में ऐसा पहली बार हो रहा है. हम बहुत जल्दबाजी करना नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी चुनौतियां हो सकती हैं, कुछ प्रक्रिया संबंधी चुनौतियां हो सकती हैं और आरबीआई उन सभी पहलुओं को दूर करना चाहता है.
केंद्रीय बैंक सीबीडीसी को इस तरह पेश करना चाहता है ताकि कोई समस्या पैदा न हो. दास ने इस दौरान कृषि ऋण को डिजिटल करने पर पायलट परियोजना के अनुभवों को बताया और कहा कि आरबीआई 2023 में इसे छोटे कारोबारी ऋणों के लिए विस्तारित करना चाहता है. (इनपुट : भाषा)
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इन 4 शहरों में आज से लॉन्च हो जाएगा RBI का डिजिटल रुपया, जानिए पूरी डिटेल
RBI Digital Rupee : पहले चरण में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लोग भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-आर के साथ लेनदेन कर सकेंगे.
Digital Rupee : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा डिजिटल रुपये-होलसेल सेगमेंट में पायलट के तौर पर शुरू करने के एक महीने बाद, केंद्रीय बैंक गुरुवार यानी 1 दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपये (E-R) के लिए पहला चरण लॉन्च करने जा रहा है. केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक ने 1 दिसंबर, 2022 को खुदरा डिजिटल रुपये (E-R) के लिए पहला पायलट लॉन्च करने की घोषणा की है. पहले चरण में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लोग भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट (Digital Wallet) के माध्यम से ई-आर के साथ लेनदेन कर सकेंगे.
बता दें कि मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लोग भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-आर के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे और पहले चरण में 1 दिसंबर 2022 से मोबाइल फोन/उपकरणों पर संग्रहीत होंगे, जिसे बाद में नौ और शहरों में विस्तारित किया जाएगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह पायलट प्रोजेक्ट शुरुआत में चार शहरों, मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को कवर करेगा और बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक इसका विस्तार किया जाएगा.
ईआर-आर एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करता है. आरबीआई ने कहा कि यह उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा जो वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं. यह बिचौलियों और बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा. बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट में डिजिटल रुपी क्रिएशन, डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल यूज की पूरी प्रोसेस को बारीकी से परखा जाएगा. इस टेस्ट से मिली लर्निंग पर रिटेल डिजिटल रुपी में बदलाव होंगे फिर सभी के इस्तेमाल के लिए इसे जारी किया जाएगा.
डिजिटल रुपये से ऐसे होगा लेन-देन
- उपयोगकर्ता भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन / उपकरणों पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ईआर-आर के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे.
- लेन-देन व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति-से-व्यापारी (P2M) दोनों हो सकते हैं.
- मर्चेंट स्थानों पर प्रदर्शित त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है.
ये बैंक शुरू करेंगे डिजिटल रुपया
पहला चरण देश भर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के डिजिटल मुद्रा ऋण चार बैंकों के साथ शुरू होगा. केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस पायलट में चरणबद्ध भागीदारी के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई है. बाद में चार और बैंकों, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को इस पायलट में शामिल किया जाएगा.
e-rupee को लाने की वजह
यह रुपए के मौजूदा डिजिटल स्वरूप की जगह नहीं लेगा, बल्कि लेनदेन का एक और माध्यम उपलब्ध कराएगा. RBI का मानना है कि ई-रुपी डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देगा. नगद अर्थव्यवस्था घटाने का लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी. लेनदेन की लागत घटाने में भी मदद मिलेगी. पेमेंट सिस्टम अधिक प्रभावी बनेगा.
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English News Headline : RBI will launch digital currency in these 4 cities of India.
भारत की डिजिटल मुद्रा- 'डिजिटल रुपया' का पहला पायलट टेस्ट 1 नवंबर को शुरू होगा, 9 बैंक होंगे शामिल: आरबीआई
देश की डिजिटल मुद्रा- 'डिजिटल रुपया' का पहला पायलट परीक्षण मंगलवार यानी एक नवंबर को शुरू होगा जिसमें नौ बैंक सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करेंगे
Published: October 31, 2022 7:58 PM IST
आरबीआई ने 'केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा' (सीबीडीसी) लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपए का पायलट परीक्षण एक नवंबर से शुरू शुरू करने जा रही है.
मुंबई: देश की डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ का पहला पायलट परीक्षण मंगलवार यानी एक नवंबर को शुरू होगा जिसमें नौ बैंक सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा ऋण डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, डिजिटल रुपए (थोक खंड) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा. इस परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा. इस परीक्षण में नौ बैंक शामिल होंगे.
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आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (सीबीडीसी) लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपए का पायलट परीक्षण शुरू करने का फैसला किया है. थोक खंड के लिए होने वाले इस परीक्षण में नौ बैंक शिरकत करेंगे. इन बैंकों की पहचान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी के रूप में की गई है.
RBI commences first pilot in Digital Rupee- Wholesale segment (e₹-W) from Nov 1. Use of e₹-W is expected to make interbank market more efficient. Going forward, other wholesale transactions &cross-border payments will be future pilots’ focus, based on this pilot’s learnings:RBI pic.twitter.com/v4RpqaLYB6 — ANI डिजिटल मुद्रा ऋण MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) October 31, 2022
आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है. इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपए (खुदरा खंड) का पहला पायलट परीक्षण एक महीने के भीतर शुरू करने की योजना है. यह परीक्षण विशेष उपयोगकर्ता समूहों के बीच चुनिंदा स्थानों में किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और कारोबारी शामिल हैं. रिजर्व बैंक के मुताबिक, भविष्य के पायलट परीक्षणों में थोक स्तर पर होने वाले अन्य सौदों एवं सीमापार भुगतान पर भी ध्यान दिया जाएगा.
आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है. इससे उपयोगकर्ताओं को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे. सीबीडीसी किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है. दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी लाने की संभावनाओं को टटोल रहे हैं. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी.
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