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बिटकॉइन क्या है पूरी जानकारी? What is Bitcoin in Hindi? (Complete Guide)

बिटकॉइन क्या है पूरी जानकारी? What is Bitcoin in Hindi? (Complete guide)

बिटकॉइन क्या है? What is Bitcoin?

बिटकॉइन ऑनलाइन वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) है जिसे हम ना छु सकते हैं और ना ही अपने बटुए में भर सकते हैं। बिटकॉइन को ऑनलाइन ही उपयोग किया जा सकता है और उसको आप डॉलर या किसी अन्य करेंसी में बदलकर अपने बैंक खाते में जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन वर्चुअल करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कहा जाता है।

जुलाई 2017 के रिपोर्ट के अनुसार 900 से भी ज्यादा प्रकार के क्रिप्टोकरेंसी इंटरनेट पर मौजूद है। इनमे से कुछ मुख्य है Litecoin, Ethereum, Dogecoin, Peercoin, Primecoin, Ripple. बिटकॉइन का आविष्कार 2009 साल में सॉफ्टवेर इंजिनियर Satoshi Nakamoto ने किया था। बिटकॉइन को कोई भी सरकार या अथॉरिटी नहीं संभालते है इसलिए इसे पहला विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा(First decentralized digital currency) कहा जाता है।

बिटकॉइन काम कैसे करता है? How Bitcoin Works?

100000000(1करोड़) सतोषी Satoshi को मिलाकर 1 बिटकॉइन बनता है। बिटकॉइन को आप खरीद सकते हैं, ट्रेड कर सकते हैं, बिटकॉइन माइंन कर सकते हैं, किसी सामान के बदले बिटकॉइन ले सकते हैं, या फिर आप चाहे तो बिटकॉइन को बेच भी सकते हैं। आप अपने बिटकॉइन को अपने ऑनलाइन बिटकॉइन वॉलेट (Bitcoin Wallet) में रख सकते हैं। ना सिर्फ बिटकॉइन को बल्कि अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी को अपने ऑनलाइन वॉलेट में आप रख सकते हैं।

जिन शॉपिंग Bitcoin का आविष्कार किसने किया था वेबसाइट पर बिटकॉइन ट्रांजैक्शन की सुविधा हो उन वेबसाइट पर आप बिटकॉइन से सामान खरीद सकते हैं। या फिर आप चाहे तो स्वयं का कोई सामान बिटकॉइन के बदले बेच सकते हैं।

यह सब एक ब्लॉकचेन नेटवर्क(Blockchain Network) पर काम करता है जिसमें माइनिंग करने वाले को Bitcoin Blocks Solve करना होता है। एक ब्लॉक को सॉल्व करने के लिए 10 मिनट का समय दिया जाता है और 2,16,000 ब्लॉक को सॉल्व करने के लिए लगभग 4 साल लग जाते हैं।

बिटकॉइन 3 लोगों के द्वारा काम करता है। पहला व्यक्ति बिटकॉइन खरीदता है और दूसरा व्यक्ति बिटकॉइन भेजता है और तीसरा व्यक्ति वह होता है जो बिटकॉइन माइनिंग के द्वारा उन पहले दो व्यक्तियों के लेन देन के अधूरे (Unverified Transaction) को बिटकॉइन माइनिंग के द्वारा पूरा करता है।

बिटकॉइन माइनिंग क्या होता है? What is Bitcoin Mining?

दुनियाभर के लोग बिटकॉइन एक दूसरे को भेजते हैं जो की एक ट्रांजेक्शन के माध्यम से पूरा होता है। परंतु यह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन अपने आप पूरा नहीं होता है जैसा की एक साधारण बैंक के ट्रांजैक्शन में होता है। इन अधूरे ट्रांजैक्शन को ब्लॉक्स(Blocks) कहते हैं। बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजैक्शन पुरे तब होते हैं जब कोई दूसरा User बिटकॉइन माइनिंग करके इन Blocks को Solve करता है।

जब कोई User अपने कंप्यूटर और हार्डवेयर इक्विपमेंट(Hardware equipment) जैसे बिटकॉइन माइनर (Bitcoin Miner) की मदद से बिटकॉइन माइन करता है तब बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन पूरे हो होते हैं। इसमें बिटकॉइन माइंन करने वाले व्यक्ति को उस ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए कुछ Cryptocurrency प्राप्त होती है जो वह व्यक्ति अपने Bitcoin Mining Pool के Server से अपने बिटकॉइन वॉलेट(Bitcoin Wallet) पर प्राप्त करता है।

बिटकॉइन से पैसे कैसे कमाएं? How to Make Money with Bitcoin?

आज के दिन में लाखों ऐसे Online Uses हैं जो जो बिटकॉइन के माध्यम से पैसे कमा रहे हैं। बिटकॉइन की मदद से ऑनलाइन कई प्रकार से पैसे कमाए जा सकते हैं जैसे –

बिटकॉइन ट्रेडिंग Bitcoin Trading

बिटकॉइन ट्रेडिंग लगभग स्टॉक मार्केट के जैसे ही काम करता है। इसमें आपको किसी बिटकॉइन प्रदान करने वाली कंपनी से बिटकॉइन खरीदना पड़ता है और उसे आप चाहे तो एक स्टॉक की तरह ही अपने बिटकॉइन वॉलेट पर रख सकते हैं। जब बिटकॉइन का दाम बढ़ जाएगा तो आप चाहे तो उसे बेच सकते हैं।

बिटकॉइन माइनिंग Bitcoin Mining

बिटकॉइन माइनिंग आप दो प्रकार से कर सकते हैं- बिटकॉइन क्लाउड माइनिंग और बिटकॉइन हार्डवेयर महीने के द्वारा।

बिटकॉइन क्लाउड माइनिंग क्या होता है? Bitcoin Cloud Mining

इंटरनेट पर ऐसी बहुत सारी वेबसाइट हैं जो क्लाउड माइनिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। आप उन वेबसाइट पर कुछ पैसे इन्वेस्ट करके बिटकॉइन माइंन करवा सकते हैं। उन वेबसाइट पर आपको MH/s, GH/s, TH/s की स्पीड मिलती है जो बिटकॉइन माइन करते हैं और माइन करने के बाद आपके ऑनलाइन वॉलेट में बिटकॉइन जमा हो जाते हैं।

बिटकॉइन हार्डवेयर माइनिंग क्या होता है? Bitcoin Hardware Mining

इसको हार्डवेयर माइनिंग इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें बिटकॉइन माइनिंग करने के लिए आपको हार्डवेयर की जरूरत पड़ती है जिसे हम बिटकॉइन माइनर कहते हैं। इसके लिए आपको बिटकॉइन माइनर खरीदना पड़ता है जिसे आपको बिटकॉइन माइनिंग पूल के साथ कनेक्ट करके आप बिटकॉइन माइन कर सकते हैं। अगर आपके पास इन्वेस्ट करने के लिए कुछ पैसे हैं तो बिटकॉइन माइनर खरीदना आपके लिए लाभदायक हो सकता है क्योंकि आप घर बैठे इससे लाखों रुपए कमा सकते हैं।

बिटकॉइन माइनर कहां से खरीदें? How to Buy Bitcoin Miner?

आज के दिन में जो सबसे बेहतरीन बिटकॉइन माइनर है वह है Bitman का Antminer s9 जिसकी स्पीड लगभग 11-13 TH/s है।

Dogecoin क्या है? | Doge coin kya hai in hindi

यह Dogecoin kya hai वैसे आपने बिटकॉइन का नाम तो सुना ही होगा। आप यह भी जानते है की वह विश्व की सबसे महंगी Cryptocurrency है। वैसे ही डोगेकोईन भी एक Cryptocurrency है। बात करे डोजकॉइन की तो इसके बनाने Jackson Palmer और Billy Markus ने इसे fun Token के liye बनाया था। लकिन देखते हि देखते समय के साथ लोगो के बिच यह बहुत ही जायदा मशहूर हो गया। आज कल ये बहुत चर्चा में है। ऐसे बहुत से लोग है जो इस क्रिप्टोकोर्रेंसी में ट्रेड करके बहुत काम समय के अंतराल में पैसे कामये है।

अगर आपको इस Dogecoin की पूरी जानकारी चाहिए तो आपको हमारा ये लेख पढ़ना चाहिए। आखीर में ये Dogecoin Kya hai और इसका Future क्या है।

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डोगेकोईन क्या है ? | What is doge coin in hindi

जैसे bitcoin है वैसे ही डोगेकोईन भी एक cryptocurrency है। डोगेकोईन की बात करे तो इसका अविष्कार एक फन टोकन के लिए किया गया था।इस cryptocurrency के logo में एक मशहूर Dog Shiba Inu का face है। जिसका Meme इंटरनेट में बहुत मशहूर है।

इसकी अगर वैल्यू की बात करे भारतीय रुपया में तो 16 april 2021 को 1 डोगेकोईन 53 रुपया के बराबर था । इसके वैल्यू में उछाल Elon Musk के एक ट्वीट के बाद आया था। December महीने की बात करे तो 1 डोगेकोईन बराबर 30 पैसे का था। cryptocurrency Bitcoin का आविष्कार किसने किया था के market में इसे हम meme टोकन बोलते है।

डोगेकोईन का अविष्कार किसने और कब किया था ?

Billy Markus और Jackson Palmer ने मिलकर डोगेकोईन का अविष्कार किया था। दोनों पेशे से Engineer है और उन्होंने इसका अविष्कार Meme Token के लिए 2013 में किया था।

Dogecoin में कैसे निवेश करे ? How to buy doge coin in india

भारत में क्रिप्टोकोर्रेंसी में निवेश करने के लिए Google Play Store और App store में बहुत सारे platform है। जैसे Wazirx,Coindcx ,Zebpay इन सभी प्लेटफार्म पर आप अपने खुद का अकाउंट खोल कर और proper तरीके से अपने अकाउंट को verify करके इसका इस्तेमाल कर सकते है।

इन सभी एप्लीकेशन में आपको KYC करना जरुरी होता है। क्योकि की KYC करने से customer के ऑथेंटिसिटी का पता चलता है। बिना KYC के आप इस तरह के एप्लीकेशन का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

आपको वैसे और भी बहुत सरे एप्लीकेशन मिलेंगे लकिन किसी भी एप्लीकेशन के जरिये Dogecoin या कोई और क्रिप्टोकोर्रेंसी में निवेश करने के लिए पहले उस एप्लीकेशन के बारे में अच्छे से जान ले। पता करले की इन सब एप्लीकेशन में निवेश करना कितना सही है और आपको समय पर इन एप्लीकेशन में आपको अगर कोई समस्या आये तो आपको इनके द्वारा सही से सहायता मिल सके।

डोगेकोईन चर्चा में है क्योकि काम समय के अंतराल में यह काफी आगे बढ़ चूका है। और इसमें Elon Musk की दिलचस्पी काफी बढ़ी है उन्होंने जनवरी महीने में tweet करके बताया था की वो dogecoin अपने बच्चे के लिए खरीदा है। और वो हमेशा कुछ नह कुछ ट्वीट करते रहते है dogecoin से रिलेटेड।

डोगेकोईन का फ्यूचर क्या है ? Dogecoin ka future kya hai

अगर इस विषय पे बात करे की डोगेकोईन का फ्यूचर क्या है तो इस पर सबके अलग अलग विचार है। वैसे एक अनुमान के अनुसर 2021 साल के अंत में 1 Dogecoin का वैल्यू 1$ के बराबर हो जायेगा। वैसे Elon Musk इस क्रिप्टोकोर्रेंसी में काफी interested है और उनकी कंपनी SpaceX एक DOGE-1 “Mission to the Moon” जिसका फंडिंग पूरी तरीके से डोगेकोईन के जरिये किया जायेगा।

SpaceX launching satellite Doge-1 to the moon next year

– Mission paid for in Doge
– 1st crypto in space
– 1st meme in space

ऐसा अनुमान लगया जा रहा है की अब जब tesla ने बिटकॉइन accept करना बंद कर दिएा है। क्योकि बिटकॉइन mining में बहुत जायदा ऊर्जा खपत होती है। जो की पर्यावरण के लिए काफी नुकसान देह है। यही कारन है की tesla ने बिटकॉइन accept करना बंद कर दिया है। वैसे में अब कयास यह लगाए जा रहे है की tesla अब आने वाले समय में शायद डोगेकोईन को accept करना चालू कर दे।

इससे साफ दीखता है की अगर ऐसा हुआ तो Dogecoin के कीमत में और उछाला देखने को मिल सकता है।

Dogecoin की खासियत क्या है?

  • यह एक क्रिप्टोकोर्रेंसी है इसके जरिये आप क्रिप्टो मार्किट में ट्रेड करके पैसे कमा सकते है। लकिन हमारी सलाह यह पहले इन क्रीपोकररेन्सी की अच्छी जानकारी हो तभी इनमे इन्वेस्ट करे।
  • यह एक मेमे टोकन है जो एक Dog जिसका नाम Shiba है उसको अपने करेंसी में दर्शता है। जो की एक बहुत ही अच्छी बात है क्योकि अगर आप इंटरनेट में इसके मेमे देखेंगे तो आपको पता चलेगा की आखिर ये डोगेकोईन को इतना मशहूर है।
  • डोगेकोईन के मशहूर होने के बाद और भी मेमे टोकन जैसे shiba Inu,Safemoon ,safemars ये सब भी नई मेमे टोकन मार्किट में आ गए है।
  • इस Cryptocurrency को सबसे बड़ा सपोर्ट दुनिया के सबसे अमीर सख्स जिनका नाम Elon Musk है उनको मिला है। यह कहना गलत नहीं होगा की आज डोगेकोईन की जो भी वैल्यू है वो सिर्फ और सिर्फ elon musk के tweets और उनके सपोर्ट के कारण है।

हम उम्मीद करते है की आपके सरे सवालों के जवाब हमारे इस आर्टिक्ल में आपको मिल गया होगा। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल Dogecoin क्या है और इसका फ्यूचर क्या है ? अच्छा लगा या आपके कोई भी सुझाव है तो हमे आप कमेंट सेक्शन में बता सकते है। हमारा यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद् और इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिये।

Ans: Dogecoin एक cyptocurrency है फ़िलहाल जिसका इस्तेमाल लोग ट्रेडिंग करने में करते है। और उससे पैसे कमाते है।

यह एक डॉग का नसल है जिसका नाम Shiba है उसको दर्शता है।

ये आपके ऊपर निर्भर करता है क्योकि फिलहल क्रिप्टोकोर्रेंसी को भारत ने स्वीकारा नहीं है और आपको इसमें निवेश करने से पहले इसकी पूरी समझ होना बहुत जरुरी है। क्योकि इसका मूल्य काफी ऊपर निच्चे होते रहता है।

बिटकॉइन किसने बनाया था? रहस्य्मय सातोशी नकामोटो [2022] | Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?

दोस्तों क्या आप भी यह जानना चाहते हो की बिटकॉइन किसने बनाया था और इसका मालिक या फाउंडर कौन है? तो यह पोस्ट पूरा पढ़ें आपके सवाल का जवाब आपको आसान भाषा में मिल जाएगा – Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?

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बिटकॉइन किसने बनाया था? – Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?

बिटकॉइन का फाउंडर सातोशी नकामोटो है लेकिन इसका मालिक सभी हैं (जो बिटकॉइन नेटवर्क से जुड़े हैं) क्यूंकि यह decentralize है मतलब इसे कोई एक इंसान या कंपनी कण्ट्रोल नहीं करता है। क्रिप्टोकोर्रेंसी के दुनिया में वैसे तो बहुत सारे सवाल हैं लेकिन उनमे से सबसे बड़ा सवाल यह है की बिटकॉइन को किसने बनाया था?

साल 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद सातोशी नकामोटो नामक इंसान द्वारा एक वेबसाइट पर एक रिसर्च पेपर अपलोड किया गया जिसका नाम था “Bitcoin : Peer-to-Peer Network Electronic Cash System”.

इस रिसर्च पेपर में बिटकॉइन के बारे में सब कुछ बताया गया था जैसे की बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करता है? दुनिया में कुल कितने बिटकॉइन होंगे? Bitcoin की जरुरत क्यों हैं इत्यादि।

लेकिन आज तक यह नहीं मालूम चल सका की सातोशी नकामोटो जिसने बिटकॉइन का निर्माण किया था वह कौन हैं? कई लोगों का कहना है की Satoshi Nakamoto कंपनी का नाम भी हो सकता है जैसे की Samsung Toshiba Nakamichi Motorola.

हालाँकि अभी तक यह बात साबित नहीं हो पाया है की असल में सातोशी नकामोटो अर्थात बिटकॉइन का फाउंडर कौन है?

बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा का एक रूप है जो 12 साल से थोड़ा अधिक पुराना है। 2008 में Bitcoin का आविष्कार किसने किया था रहस्यमय सातोशी नाकामोतो द्वारा इसका आविष्कार किया गया था और 2009 की शुरुआत में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। पहला बिटकॉइन लेनदेन नाकामोटो और जनवरी 2009 में बिटकॉइन के शुरुआती अपनाने वाले के बीच हुआ था।

एक बार जब आप अपने फोन या कंप्यूटर पर बिटकॉइन वॉलेट स्थापित करते हैं, तो एक बिटकॉइन पता उत्पन्न होता है। आप इस पते को उन परिचितों के साथ साझा कर सकते हैं जो इसका उपयोग आपको भुगतान करने के लिए कर सकते हैं या इसके विपरीत। यह ठीक उसी तरह है जैसे ईमेल काम करता है। पकड़ यह है कि बिटकॉइन पते केवल एक बार उपयोग किए जाने के लिए हैं

चूंकि वे डिजिटल में मौजूद हैं न कि भौतिक दुनिया में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। बिटकॉइन 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आए। आलोचकों का मानना ​​​​है कि संकट ने बिटकॉइन का जन्म देखा, जो बैंकिंग प्रणाली को बायपास कर सकता था।

बिटकॉइन तीन मुख्य सिद्धांतों पर काम करते हैं – क्रिप्टोग्राफी, मांग और आपूर्ति, और विकेंद्रीकृत नेटवर्क। विकेंद्रीकृत नेटवर्क में, डेटा हर जगह होता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रेडियो संदेशों को कोड में कैसे परिवर्तित किया गया था, बिटकॉइन लेनदेन डेटा को सुरक्षित रखने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है।

पिछले 7 वर्षों में (2014 की रिपोर्ट के बाद से) बिटकॉइन का उठाव काफी असाधारण रहा है। लगभग 6.2 बिलियन डॉलर के बाजार मूल्य से, फरवरी 2021 में बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण बढ़े हुए उपयोग और मूल्य के कारण $ 1 ट्रिलियन तक पहुंच गया। इसने इसके चारों ओर एक नया पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाया है।

बिटकॉइन पारिस्थितिकी तंत्र के विकास से निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को नई Bitcoin का आविष्कार किसने किया था चुनौतियों, अवसरों और जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ेगा। सरकारें नियामक और कानून प्रवर्तक के रूप में अपने मिशन को क्रियान्वित करने के लिए नए तरीकों की खोज कर सकती हैं। कॉर्पोरेट इस तकनीक का उपयोग नवीन उत्पादों और सेवाओं के साथ आने के लिए कर सकते हैं।

सार्वजनिक खाता बही में लेन-देन जोड़ने से बिटकॉइन खनन से बिटकॉइन बनते हैं। एक एल्गोरिथम खनन कठिनाई को नियंत्रित करता है और कुल सिक्का निर्माण को 21 मिलियन तक सीमित करता है। चूंकि सिक्के एक नियंत्रित एल्गोरिथम के माध्यम से बनाए और वितरित किए जाते हैं, सिस्टम मुद्रा की मुद्रास्फीति से बचा जाता है और नए सिक्कों का एक स्थिर प्रवाह सुनिश्चित करता है।

बिटकॉइन कैसे खरीदें?

आज के समय में बिटकॉइन खरीदना काफी आसान हो गया है:

  • सबसे पहले Wazirx एक्सचेंज पर अपना अकाउंट खोलें (code: wpmxdhmr)
  • उसके बाद अपना KYC पूरा करें
  • अपने बैंक अकाउंट को Wazirx के अकाउंट से लिंक करें
  • अब अपने wazirx अकाउंट में पैसे जोड़ें
  • उसके बाद Wazirx 100 रुपये में भी बिटकॉइन खरीद सकते हैं

अगर आप क्रिप्टोकोर्रेंसी की दुनिया में नए हैं तो आपको सबसे पहले कम पैसों में बिटकॉइन खरीदना है और कुछ समय तक इसे अच्छे से समझना है की यह काम कैसे करता है उसके बाद ही इसमें बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट करें।

हमे आशा है की यह पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल बिटकॉइन का मालिक या फाउंडर कौन है? (Bitcoin Ka Malik aur Founder Kaun Hai) इसका जवाब आपको मिल गया होगा तो बिना देर किये आप भी बिटकॉइन टेक्नोलॉजी को समझें और इन्वेस्ट करें।

विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.

क्रिप्टोकरंसी क्या है। क्रिप्टोकरंसी का आविष्कार क्यों किया गया था।

हेलो फ्रेंड्स हम यहां पर क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पूरी जानकारी देंगे। पिछले 1-2 सालों से जब से कोविड-19 आया है तब से क्रिप्टोकरेंसी, लोगों के बीच में काफी चर्चा में है। अब हम यहां पर पहले क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पूरी जानकारी देंगे की क्रिप्टोकरंसी है क्या और यह कैसे काम करती है। जब हम सभी लोगों को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पूरी जानकारी होगी तभी हम लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का निर्णय ले सकते हैं।

हम यहां क्रिप्टोकरंसी से पहले करेंसी कैसे वर्क करती है वह हम पहले हम जान लेते हैं इससे क्रिप्टोकरेंसी को जानने में हेल्प मिलेगी।

करेंसी के आने से पहले लोग आपस में लेन देन एक वस्तु के दूसरी वस्तु की एक्सचेंज करके करते थे। जैसे कि मुझे 1 किलो आटा चाहिए तो मेरे पास आधा किलो चावल होने चाहिए इसी प्रकार सभी चीजों का मूल्य तय किया जाता था अगर हमें किसी एक चीज की जरूरत होती तू उसके बदले दूसरी वस्तु हमारे पास होनी चाहिए। इसे हम बॉर्डर सिस्टम(barter system) कहते थे| किंतु इस सिस्टम में एक शहर से दूसरे शहर के बीच में वस्तुओं को लाना और लेजाना आसान नहीं था| क्योंकि कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु के बदले ही मिल सकती थी| इस समस्या के समाधान के लिए करेंसी का अविष्कार किया गया|

प्रतिदिन जो हम नोट और सिक्के इस्तेमाल करते हैं वस्तुओं को खरीदने के लिए यही मुख्य करेंसी हैं| हर देश मैं करेंसी के लिए करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम होता है| इस करेंसी को हम फिजिकल करेंसी बोलते हैं| इस करेंसी को और डिटेल में हम एक नए आर्टिकल में अपडेट करेंगे और हम जानेंगे की एक देश कितने करेंसी का प्रिंट निकाल सकता है। यह जानना आवश्यक है की करेंसी प्रिंट करने की कोई लिमिट होती है या नहीं कि हर कंट्री अनलिमिटेड करेंसी प्रिंट कर सकता है या नहीं यह सारी सारी डिटेल अपने अगले आर्टिकल में देंगे जो सिर्फ करंसी से रिलेटेड होगा।

लेकिन करेंसी के आने में करेंसी को मैनेज करने के लिए थर्ड पार्टी की जरूरत पड़ती है, और ज्यादातर थर्ड पार्टी गवर्नमेंट-central authorities होती है। गवर्नमेंट के आने से बहुत सारी एक्स्ट्रा फीस और कहीं कहीं पर करप्शन देखने को मिलता है।

आइए हम एक छोटे से एग्जांपल से करेंसी में सेंट्रल अथॉरिटीज होने होने से क्या नुकसान है वह समझते हैं।

हम लोग 2008 की मंदी (2008 recession) को तो सुना होगा उसके पीछे क्या रीजन है आइए हम जानने की कोशिश करते हैं।

  • 2008 की मंदी से पहले अमेरिका में या हम इसे संयुक्त राष्ट्र बोल सकते हैं वहां लोगों के पास बहुत सारा पैसा हुआ करता था और सभी पैसों को लोग बैंकों के पास जमा कर दिया करते थे यानी सेंट्रल अथॉरिटीज|
  • सेंट्रल अथॉरिटीज/केंद्रीय प्राधिकरणों/बैंकों के पास बहुत ज्यादा पैसा जमा होने के कारण उन्होंने नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए जोखिम भरे ऋण देना शुरू कर दिया और ऐसे Loan पर महत्वपूर्ण चूक(Loan default) का सामना करना पड़ा| बहुत से लोगों ने बैंक के पैसे वापस नहीं कर पाए।
  • लोगों के पैसे वापस करने में असमर्थता के कारण, कई बैंक ध्वस्त हो गए और दिवालिएपन के लिए दायर किया गया।
  • इसी कारण से सरकार का व्यय उसकी आय से अधिक हो गया था।
  • इस सिचुएशन में जब भी सरकार का व्यय उसकी आय से अधिक हो जाता है, सरकार केंद्रीय बैंक से अधिक धन print करने के लिए कहती है| और यहीं से करेंसी की वैल्यू घट जाती है।
  • Bitcoin का आविष्कार किसने किया था
  • मुख्य रूप से, अधिक पैसे की छपाई के साथ, पैसे का मूल्य कम हो जाता है और अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपके पास 200 Rs है और देश में कुल 1000 Rs है, तो आपके पास 20% धन है। यदि सरकार अतिरिक्त 1000 Rs प्रिंट करती है, तो आपके पास केवल 10% धन hi rah jata और इससे आपके धन का मूल्य कम हो जाता है।

2008 के संकट में यही हुआ था। बैंकों द्वारा बैड लोन देने की वजह थी। पैसे छापना एक akhri rasta था जिसने इस case में मदद की।

इसकी वजह से Nov 01, 2008 , सतोशी नाकामोटो नाम के आदमी ने क्रिप्टो करेंसी का आविष्कार किया जिसे हम बिटकॉइन कहते हैं| यह क्रिप्टो करेंसी पूर्ण रूप से डिसेंट्रलाइज्ड मैनेज होती है| इसमें गवर्नमेंट का किसी प्रकार से नियंत्रण नहीं रहता है।

आइए जानते हैं कि Cryptocurrency के मेन पॉइंट क्या है

– Cryptocurrency डिजिटल पैसे का विकेंद्रीकरण-decentralization, blockchain तकनीक पर आधारित है। ब्लॉकचेन टेक्निक को हम नए आर्टिकल में डिटेल से बताएंगे कि यह कैसे काम करती हैं|

– “क्रिप्टोकरेंसी” शब्द एन्क्रिप्शन तकनीकों से लिया गया है जिनका उपयोग नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है।

– क्रिप्टोकरेंसी दो पक्षों के बीच सीधे फंड ट्रांसफर करती है, बिना किसी थर्ड पार्टी की आवश्यकता के।

– ये transfers सार्वजनिक कुंजी-public key और निजी कुंजी-private keys और प्रोत्साहन प्रणालियों के विभिन्न रूपों के उपयोग से सुरक्षित हैं, जैसे कार्य का प्रमाण-Proof of Work या हिस्सेदारी का प्रमाण-Proof of Stake।

सो फ्रेंड्स आप लोग कमेंट कम कर सकते हैं कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा और हम लोग इसमें क्या ऐड कर सकते हैं कमेंट करना ना भूलें।

बिटकॉइन के बारे में संपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी हिंदी भाषा में!

बिटकॉइन क्या है, ये कब आया, बिटकॉइन का इस्तेमाल, इसकी खोज किसने और कहा की, यह कैसे काम करता है व् इसको कहाँ रखा जाता है इन सभी सवालो की जानकारी हिंदी में दी गयी है!

इन सभी सवालो के जबाव का विवरण हमने संछिप्त में किया है आये पहले जानते है आखिर बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है?
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) या कह सकते है डिजिटल मुद्रा यह पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है, जिसका अर्थ है की यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं संचालित होती। जिसका मतलब है बिटकॉइन को नियंत्रण करने के लिए कोई भी बैंक शाखा या सर्कार नहीं है मतलब बिटकॉइन का कोई मालिक नहीं है.

कई अर्थशास्त्रियों द्वारा बिटकॉइन को पोंज़ी स्कीम घोषित किया गया है बिटकॉइन का का प्रयोग आप डिजिटल यानी इंटरनेट की मदद से कर सकते है, यह ऐसी मुद्रा है जिसे हम ही देख सकते हैं ना ही उसे पैसों की तरह छू सकते हैं बिटकॉइन सिर्फ एक इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है| बिटकॉइन सभी मुद्राओ से बिलकुल अलग है क्युकी इसे आप शारीरिक रूप से नोट या सिक्के के रूप में सामान की खरीद नहीं कर सकते| बिटकॉइन विश्व का प्रथम पूर्णतया खुला भुगतान तंत्र है।

बिटकॉइन का आविष्कार किसने और कब किया?

बिटकॉइन का विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने 2008 में किया था और 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था। तब इसकी लोकप्रियता बढ रही थी.

बिटकॉइन का इस्तेमाल क्यूँ और किस लिए किया जाता है?

बिटकॉइन का इस्तेमाल कोई भी मनुष्य कर सकता है जिस तरह हम इंटरनेट का प्रयोग करते है और इसका कोई मालिक नहीं है ठीक बिटकॉइन भी उसी तरह काम करता है. यदि कोई व्यक्ति आम डेबिट /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करता है तो लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, बिटकॉइन एक सुरक्षित और तेज मुद्रा है इसी कारण ये तेजी से लोकप्रिय हो रही है| बिटकॉइन का उपयोग आप प्लेन की टिकट, होटल रूम, इलेक्ट्रॉनिक्स, कार, कॉफी और किसी अन्य चीज के लिए भी पेमेंट कर सकते हैं

आइये जाने बिटकॉइन माइनिंग क्या है?

वर्तमान में बिटकॉइन काफी तेजी से प्रसिद्ध हो रहा है। इसे शक्ति उन हजारों लोगों से मिलती है जिनके पास विशेष कंप्यूटर है जो नेटवर्क को शक्ति संपन्न बनाते हैं नेट पर विनिमय को सुरक्षित करते हैं और लेनदेन की जांच करते हैं। इसे माइनिंग कहा जाता है।
साधारण भाषा में माइनिंग मतलब यदि खुदाई या किसी खोज द्वारा खनिजो को निकालना जैसे की सोना कोयला आदि की माइनिंग चूकि बिटकॉइन का कोई भोतिक रूप तो है नहीं तो इसकी माइनिंग परंपरागत तरीके से तो नहीं हो सकती इसकी माइनिंग मतलव की बिटकॉइन का निर्माण करना होता है| बिटकॉइन एक सी प्रोसेस है जिसमें कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किया जाता है, नेटवर्क को सुरक्षित रखा जाता है साथ ही नेटवर्क को सिंक्रोनाइज भी किया जाता है यह एक बिट कंप्यूटर सेंटर की तरह है पर यह डी सेंट्रलाइज सिस्टम है|

भारतीय रिजर्व बैंक ने 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन सम्बन्ध में एक प्रेस प्रश्नी जरी की और कहा इस तरह की मुद्राओ का लेन-देन को कोई भी अधिकारिक अनुमति नहीं दी गई है बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के लेन-देन में कई तरह के जोखिम हो सकते है| और फरवरी 2017 और 5 दिसम्बर 2017 भारतीय रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी|

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