कंपनी IPO के जरिए 625 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इश्यू से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट कार्यों के लिए किया जाएगा। इसका प्राइस बैंड 626-627 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है।कंपनी ने 22 फरवरी को एंकर निवेशकों से 187.5 करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसके लिए 29.90 लाख शेयर भी जारी किए।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। यह मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1992 मे 25 करोड़ रुपये की समता पूँजी के साथ हई थी। कारोबार के लिहाज से यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना देश में वित्तीय सुधार के लिए M.J. शेरवानी समिति की सिफारिस के आधार पर की गयी थी |
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। यह मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1992 मे 25 करोड़ रुपये की समता पूँजी के साथ हई थी। कारोबार के लिहाज से यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना देश में वित्तीय सुधार के लिए M.J. शेरवानी समिति की सिफारिस के आधार पर की गयी थी | इसके वीसैट (VSAT) टर्मिनल भारत के 320 शहरों तक फैले हुए हैं| नेशनल स्टाक एक्सचेंज का देशव्यापी नेटवर्क फैला हुआ है| निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत आने वाला सूचकांक है | इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड हैं , जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (स्थापना 1875) के अंतर्गत सिर्फ 30 कम्पनियाँ हैं | इसे, एक आधुनिक व पूरी तरह से स्वचालित, स्क्रीन आधारित व्यापार प्रणाली प्रदान करने के लिए शीर्ष संस्थाओं द्वारा स्थापित किया गया था| नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, सुप्रीम पारदर्शिता, दक्षता, गति, सुरक्षा और निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चेतावनी बाजार अखंडता के बारे में मजबूती लाने के लिए लाया गया है|
भारत में बैंकिंग क्षेत्र की संरचना निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चेतावनी
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निम्नलिखित बुनियादी मूल्यों के लिए समर्पित है:
1. वफ़ादारी
2. ग्राहक केंद्रित संस्कृति
3. व्यक्ति के प्रति सम्मान, देखभाल और विश्वास
4. टीमवर्क
5. उत्कृष्टता के लिए जुनून
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अंतर
1. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 50 कम्पनियाँ शामिल हैं जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 30 कम्पनियाँ हैं | इसी कारण नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है |
2. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत आने वाला सूचकांक निफ्टी है जबकि सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत आता है |
इन दोनों सूचकांकों में समानता यह है कि दोनों ही संवेदी सूचकांक हैं और दोनों का काम शेयर बाजार की सही स्थिती निवेशकों को बताना है |
अमेरिकी बाजार में गिरावट के साथ मंदी का डर बढ़ा
अमेरिकी शेयर सूचकांक डाऊ जोंस में सोमवार को 1.1 प्रतिशत की गिरावट हुई और इस तरह जनवरी से अब तक यह 20 प्रतिशत गिर चुका है. यह आधिकारिक तौर पर बाजार के ‘बेयर मार्केट’ हो जाने का संकेत है.
अमेरिका के तीन प्रमुख शेयर सूचकाकों में से सबसे पुराना सूचकांक डाउ जोंस अब आधिकारिक तौर पर ‘बेयर मार्केट' हो गया है. सोमवार को 1.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ इसने नौ महीने में 20 प्रतिशत की गिरावट का आंकड़ा पार कर लिया, जिसे बेयर मार्केट की साधारण परिभाषा कहा जाता है.
अमेरिका के संघीय बैंक द्वारा महंगाई कम करने के लिए ब्याज दरों के बढ़ाए जाने से बाजार में चिंता है कि अर्थव्यवस्था मंदी की ओर चली निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चेतावनी जाएगी. इसलिए 2022 में शेयर बाजार लगातार लुढ़कता रहा है और अब यह बेयर हो गया है.
एसएंडपी (500) और नैस्डैक पहले ही क्रमशः 23 और 32 फीसदी नीचे गिर चुके हैं. यानी डाऊ जोंस का लुढ़कना अब इस साल की बाजार की उथल पुथल का आखरी पड़ाव था. वैसे तो डाऊ जोंस में सिर्फ 30 कंपनियां शामिल हैं और इसका दायरा अन्य सूचकांकों से काफी छोटा है लेकिन ऐतिहासिक रूप से इसे सबसे अहम प्रतीक के रूप में देखा जाता रहा है.
क्या होता है बुल और बेयर मार्केट?
शेयर बाजार में बुल और बेयर शब्दों का इस्तेमाल शेयर बाजार के चढ़ने व गिरने के लिए किया जाता है. यानी कीमतें जब लगातार ऊपर की ओर जा रही हों तो उसे बुलिश मार्केट कहा जाता है. इसी तरह जब कीमतें लगातार गिर रही हों तो उसे बेयर मार्केट कहा जाता है. लेकिन किसी बाजार को पूरी तरह बेयर मार्केट सिर्फ कीमतों के कुछ समय तक जारी गिरावट के आधार पर नहीं कहा जाता.
कुछ निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चेतावनी विशेषज्ञों के लिए यह शब्दावली ज्यादा मायने नहीं रखती और वे कंपनियों की आय, कीमत, ब्याज दरों और आर्थिक परिस्थितियों जैसी तमाम बातों की गणना करने को जरूरी मानते हैं. कुछ निवेशक मानते हैं कि किसी बाजार का अपने सर्वोच्च स्तर से 20 फीसदी नीचे चले जाना इस बात का संकेत है कि बाजार बेयरिश हो गया है यानी अब गिरावट वाले क्षेत्र में चला गया है.
इसी तरह कुछ निवेशक मानते हैं कि जब बाजार अपने सबसे निचले स्तर से 20 प्रतिशत ऊपर चला जाए तो बाजार को बुलिश कहा जा सकता है यानी अब वह ऊपर की ओर चढ़ने के क्षेत्र में आ गया है.
सरकार के लिए महंगाई प्राथमिकता
अमेरिकी अधिकारी शेयर बाजार की उथल-पुथल पर नजर बनाए हुए हैं लेकिन उनका कहना है कि महंगाई सरकार की प्राथमिकता है. क्लीवलैंड संघीय बैंक की अध्यक्ष लोरेटा मेस्टर ने कहा कि वित्तीय बाजारों की अस्थिरता से निवेशकों निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चेतावनी के फैसले प्रभावित होते हैं और डॉलर की कीमत से अमेरिकी अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है लेकिन कीमतों की स्थिरता पहला मकसद है.
मेस्टर ने कहा, "लक्ष्यों के लिहाज हम अपन नीति बनाने में इस माहौल का ध्यान रखेंगे ताकि अमेरिका में कीमतों की स्थिरता हासिल की जा सके." मसैचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एक कार्यक्रम में मेस्टर ने कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रित करने के लिए जरूरत से ज्यादा कदम ना उठाना ज्यादा महंगा पड़ सकता है.
अटलांटा के संघीय बैंक के अध्यक्ष रफाएल बोस्टिक ने भी कहा कि इस वक्त मुद्रास्फीति नियंत्रण ज्यादा जरूरी है. निवेशकों के रवैये को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि वे अति-आशावान हैं या नहीं, जरूरी बात यह है कि हमें मुद्रास्फीति को काबू में लाना है. जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक हर दिशा में अस्थिरता दिखाई देगी.”
भारत पर असर
अगस्त में भारत में खुदरा बाजार में महंगाई दर में अनुमान से ज्यादा वृद्धि हुई और यह 7 प्रतिशत पर पहुंच गई. खाद्य पदार्थों और ईंधन की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बनी हुई है.
बीते साल के मुकाबले खाद्य पदार्थों की कीमत में अगस्त महीने 7.62 निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चेतावनी प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि ईंधन और बिजली की कीमतें 10.78 फीसदी बढ़ीं. कपड़ों व जूतों के दाम में 9.91 फीसदी बढ़त हुई जबकि घरों की कीमतें 4.06 फीसदी बढ़ीं.
अतीव डांग कहते हैं कि भारत को सुरक्षित मानना सही नहीं है. वह कहते हैं, “जब वैश्विक मंदी आती है तो कोई बाजार सुरक्षित नहीं होता. हमने देखा था कि सोमवार को भारतीय शेयर दो प्रतिशत तक गिर गए थे. इस हफ्ते आरबीआई 0.35 से 0.5 फीसदी तक ब्याज दर बढ़ा सकता है. और बढ़ती ब्याज दरें शेयर बाजारों की सबसे बड़ी दुश्मन होती हैं.”
डांग ध्यान दिलाते हैं कि अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने का अर्थ यह भी है कि विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय बाजारों से अपना धन निकाल लेंगे. वह कहते हैं, “शुक्रवार को ही निवेशकों ने 29 अरब रुपये के शेयर बेचे हैं. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक मई और जून में ही विदेशी निवेशकों ने 90 हजार करोड़ रुपये निकाले हैं. हालांकि आशा की हल्की किरण के रूप में अगस्त में 51 हजार करोड़ रुपये निवेश भी किए गए हैं लेकिन सितंबर में के दूसरे हिस्से में फिर निकासी जारी रही.”
लगातार जारी गिरावट पर लगा ब्रेक: सेंसेक्स 7 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 49,751 पर बंद, एक्सचेंज पर 54% शेयरों में रही बढ़त
शेयर बाजार में मंगलवार को मामूली बढ़त दर्ज की गई। BSE सेंसेक्स 7.09 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 49,751.41 पर बंद हुआ है। सुबह इंडेक्स कारोबार के दौरान दिन के सबसे ऊंचे स्तर 50,327.31 तक भी छुआ। 22 फरवरी को इंडेक्स 1,145 अंकों की गिरावट के साथ 49,744.32 पर बंद हुआ था।
कोटक सिक्योरिटीज में एक्जीक्यूटिव वाइस प्रसिडेंट (इक्विटी टेक्निकल रिसर्च) श्रीकांत चौहान ने कहा कि अगर बाजार के प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 14,630 और सेंसेक्स 49,600 के स्तर को तोड़ते हैं, तो गिरावट जारी रहेगी। निफ्टी फिसलकर 14,530 निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चेतावनी और सेंसेक्स 49,300 के स्तर तक आ सकता है। गिरावट के बीच निवेशकों को खरीदारी की सलाह होगी।
Share Market Today, 06 Jan 2022: ओमिक्रोन से सहमा बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट
- कोरोना निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चेतावनी वायरस के मामलों से निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
- सेंसेक्स फिसलकर 60 हजार के नीचे पहुंच गया है।
- सभी सेक्टर्स गिरावट पर कारोबार कर रहे हैं।
Share Market News Today, 6 JAN 2022: आज सप्ताह के चौथे दिन यानी गुरुवार को शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखी जा रही है। सुबह 10.01 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 711.63 अंक निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की चेतावनी यानी 1.18 फीसदी फिसलकर 59,511.52 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 216.60 अंक (1.21 फीसदी) गिरकर 17,708.65 पर पहुंच गया।
शेयर बाजार उफान में, दिवाली से पहले छोटे निवेशकों को सर्तक रहने की सलाह
Advice to small investors to stay alert before Diwali, in stock market boom
- सेंसेक्स 41983.06 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) का निफ्टी 11263.55 अंक पर पहुंच गया
- सेंसेक्स 5.75 प्रतिशत अर्थात 2278.99 अंकों की बढ़त के साथ 41893.06 अंक पर रहा
- एनएसई का निफ्टी 5.34 प्रतिशत अर्थात 621.15 अंक चढ़कर 12263.55 अंक पर रहा
मुंबई। वैश्वक कारकों और घरेलू स्तर पर अधिकांश समूहों में हुयी लिवाली के बल पर बीते सप्ताह शेयर बाजार में तूफानी तेजी रही और इस दौरान बीएसई का सेंसेक्स 41983.06 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) का निफ्टी 11263.55 अंक पर पहुंच गया। दिवाली को देखते हुये अगले सप्ताह निवेशकों विशेषकर छोटे निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गयी क्योंकि बाजार में करेक्शन देखने को मिल सकता है।
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