पुट ऑप्शन शेयर उसी तरह से काम करते हैं जैसे स्टॉक कॉल ऑप्शन करते हैं। इस स्थिति में, फिर भी, विकल्प निवेशक शेयर के मूल्य पर मंदी की स्थिति में है और गिरावट से लाभ की उम्मीद करता है।
सस्ते ऑप्शन कॉल में होगी जोरदार कमाई, प्रभुदास लीलाधर की शिल्पा राउत से जानें टारगेट प्राइस
प्रभुदास लीलाधर की शिल्पा राउत की बैंक निफ्टी पर राय देते हुए इंडेक्स पर बुलिश रवैया अपनाया। इन्होंने इसमें 43500 के स्ट्राइक वाला कॉल ऑप्शन ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? खरीदने की सलाह दी
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RBI पॉलिसी से एक दिन पहले भारतीय शेयर बाजार में कंसोलिडेशन का मूड दिख रहा है। फ्लैट शुरुआत के बाद निफ्टी में ऊपरी स्तरों से दबाव दिखाई दिया। इंट्राडे में निफ्टी 18600 के नीचे भी फिसल गया था। आज निफ्टी में 18600, 18700 और 18800 के स्तरों पर सबसे ज्यादा कॉल राइटर्स एक्टिव नजर आ रहे हैं। वहीं 18600, 18500 और 18400 के स्तरों पर सबसे ज्यादा पुट राइटर्स एक्टिव दिखाई दिये। बैंक निफ्टी की बात करें तो इसमें 43300, 43400 और 43500 के स्तरों पर सबसे ज्यादा कॉल राइटर्स एक्टिव नजर आये। जबकि 43100, 43000 और 42900 के स्तरों पर सबसे ज्यादा पुट राइटर्स एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। सीएनबीसी-आवाज़ के फ्यूचर एक्सप्रेस में आज प्रभुदास लीलाधर की शिल्पा राउत जुड़ीं। उन्होंने अपने दमदार कॉल्स के साथ कमाई के लिए एक सस्ता ऑप्शन भी सुझाया।
ऐसे करते हैं Options Trading, बाजार गिरे या चढ़े, आप बनें ऑप्शन्स के खिलाड़ी
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। बाजार में कमाई के लिए एक नहीं, कई बातें अहम होती हैं। इसमें सबसे अहम होता है कि आपका निवेश का फैसला. क्योंकि इसी से तय होता है कि आप कमाएंगे या गवाएंगे। वहीं दूसरी सबसे बड़ी बात होती है कि आप कितनी तेजी ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? से ऑप्शन से जुड़े फैसले लेते हैं। इससे तय होता है कि आप किसी मौके का फायदा उठा सकते हैं या नहीं और तीसरी सबसे अहम बात होती है कि आप सौदे करने के बदले कितना पैसा चुका रहें हैं, क्योंकि इससे तय होता है कि आप वास्तव में कितना मुनाफा घर ले जाएंगे।
ट्रेडिंग में इतनी शर्तों के साथ संभव है कि आपका ट्रेडिंग करने का जोश ही खत्म जाए। लेकिन टेंशन न लें, हम आपको बताते हैं 5paisa की दो खास पेशकश के बारे में, जहां आपको इन सभी बातों के कारगर हल मिल जाएंगे।
5paisa से जितनी ट्रेड उतनी बचत
5paisa का अल्ट्रा ट्रेडर पैक आपकी ट्रेडिंग की लागत घटाता है और इससे आपका रिटर्न और बेहतर बन जाता है। पैक के जरिए सब्सक्रिप्शन लेने पर आपको सिर्फ 999 रुपये में 1000 रुपये के ब्रोकरेज रिवर्सल का फायदा मिलता है. वहीं कितना ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? भी बड़ा ऑर्डर हो हर ऑर्डर पर सिर्फ 10 रुपये प्रति ऑर्डर का एक समान ब्रोकरेज लगता है. यही नहीं ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? फ्री इक्विटी डिलीवरी सहित कई और फायदे मिलते हैं। यानी 5 Paisa के साथ जितना ज्यादा ट्रेड करते हैं उतनी ही सेविंग होती है।
5paisa के ये फीचर्स हैं ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए खास, देखें वीडियो-
बाजार गिरे या चढ़े आप बनें खिलाड़ी
5paisa के 'क्विक ऑप्शन ट्रेड' फीचर के साथ अब आपकी ऑप्शन ट्रेडिंग बेहद आसान हो जाती है। भले ही बाजार गिर रहा हो या चढ़ रहा हो, इसके साथ आपको 3 ऑप्शन ट्रेड की सलाह मिलती है। इसकी मदद से आप सिर्फ राइट या लेफ्ट स्वाइप की मदद से ही अपने ट्रेड पूरे कर सकते हैं। साथ ही पूरे समय ट्रेड पर नजर रखने की भी जरूरत नहीं है। पहले से ही टार्गेट प्राइस और स्टॉप लॉस रखकर आप इस टेंशन से भी मुक्त हो जाते हैं।
आपको बता दें कि ऑप्शन्स दो तरह के होते हैं, कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन। इंडेक्स या शेयर में तेजी का रुख रखने वाले निवेशक कॉल ऑप्शन्स खरीदते हैं। इंडेक्स या शेयर में मंदी का रुख़ रखने वाले निवेशक 5paisa के साथ पुट ऑप्शन्स ख़रीदते हैं और कमाई करते है। स्ट्राइक रेट के हिसाब से कॉल, पुट के भाव अलग-अलग होते है। स्ट्राइक रेट यानी वो भाव जिस पर आप शेयर या इंडेक्स को छोटी अवधि में पहुंचता हुआ देखते हैं।
इंप्लायड वॉलेटिलिटी क्या होती है?
आईवीकी वैल्यू के क्या मायने होते हैं?
जब ट्रेडर्स को लगता है कि बाजार में मंदी आने के आसार हैं तो वे गिरावट से बचाव के लिए पुट ऑप्शन खरीदते हैं। इससे पुट की आईवी बढ़ जाती है जो मंदी का संकेत होता है। इसी तरह, जब ट्रेडर्स तेज उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए प्रोटेक्शन लेने में आक्रामक रुख नहीं अपनाते, तब आईवी में गिरावट आती है। आमतौर पर 20 से ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? 25 फीसदी की आईवी ज्यादातर ट्रेडर्स के कम्फर्ट लेवल में होती है। हाल ही में एटीएम निफ्टी ऑप्शंस की आईवी 14 फीसदी तक गिर गई थी। ऐसा इसलिए कि ट्रेडर्स ऐसी किसी घटना की उम्मीद नहीं कर रहे थे, जिससे वॉलेटिलिटी बढ़े।
क्याऊंची आईवी मंदी का संकेत देती है?
सिद्धांत रूप से इंप्लायड वॉलेटिलिटी से यह पता नहीं लगाया जा सकता कि मार्केट की दिशा क्या हो सकती है। इसलिए जरूरी नहीं कि ऊंची आईवी मंदी का संकेत हो। हालांकि, ट्रेडर्स आमतौर पर ऊंची आईवी को मंदी के संकेत के तौर पर लेते हैं। उनकी दलील यह होती है कि बाजार ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? पर मंदी का जोर तेजी के रुझान मुकाबले ज्यादा असर करता है। इसलिए आईवी में बढ़ोतरी होने पर इन्वेस्टर्स और फंड मैनेजर्स में तेज गिरावट से बचने के लिए पोजीशन को प्रोटेक्ट करने की होड़ मच जाती है।
2 पुट ऑप्शन क्या होता है ?(What Is Put Option)
- पुट ऑप्शन मार्किट के ख़राब समय मे चुना जाता है जब बाजार और शेयर गिर रहे होते है।
- अगर किसी एक शेयर की कीमत इस समय 100 रुपये है और आप इसका पुट ऑप्शन 70 रुपये मे खरीदते है
- ऐसे समय शेयर निचे 70 रुपये पर पहुंचने पर निवेशक को मुनाफा होगा।
- पुट ऑप्शन ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? निवेशक मंदी या फिर गिरावट के समय एक बिमा जैसे इस्तेमाल कर सकते है।
- कॉल और पुट ऑप्शन मे ट्रेडिंग करने के लिए शेयर्स की महीने की सीरीज होती है इस महीने की सीरीज की एक्सपाइरी हर महीने के अंतिम गुरवार को होती है।
- यह महीने की सीरीज 3 महीने तक की होती है।
- आप शेयर बाजार मे शेयर के आलावा करेंसी और इंडेक्स मे भी ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते है।
- कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आपको अलग अलग विकल्पों का इस्तेमाल करना होता है इस विकल्पों को जानकारी आप आसानी से इसमे ट्रेडिंग शुरू कर सकते। है।
1 लॉट साइज़ :(Lot Size)
- जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग मे ट्रेडिंग करते है तब आपको शेयर के एक लॉट को खरदीना पड़ता है।
- शेयर के कीमत के अनुसार उसकी लॉट साइज़ कीमत कम ज्यादा होती है।
- कॉल और पुट दोनों ऑप्शन मे ट्रेड करते समय आपको लॉट मे शेयर खरीदने होते है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आप जिस चुने हुए कीमत पर कॉल और पुट ऑप्शन खरीदते है उसे स्ट्राइक प्राइस कहा जाता है।
- शेयर के अब के कीमत मे और बेचे या फिर ख़रीदे जाने वाले अंतर होता है।
3 प्रीमियम :(Premium)
- कॉल और पुट ऑप्शन खरीदते समय आपको एक स्ट्राइक कीमत चुननी होती है जिस स्ट्राइक प्राइस पर आपको शेयर लॉट मिलता है उसे प्रीमियम कहा जाता है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय स्ट्राइक प्राइस शेयर के कीमत के जितनी पास होगी उतना प्रीमियम ज्यादा होता (हलाकि इससे रिस्क भी कम होती है )
- जब आप कॉल और पुट ऑप्शन खरीदते है तब उनके लिए एक तय तारीख होती है।
- इसका मतलब इस तय तारीख पर आपको आपके कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करना है।
- अगर आप इस तय तारीख पर कॉन्ट्रैक्ट पूरा नहीं करते है तो ब्रोकर आपके सौदे को काट कर जो प्रॉफिट लॉस होगा आपको सौप देगा।
5 मंथली सीरीज :(Monthly Series)
- जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो वो शेयर लॉट पहले से तय समय एक्सपाइरी डेट पर आते है। ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें?
- इस महीने लिए गए शेयर लॉट कॉन्ट्रैक्ट को आपको महीने के आखिरी गुरवार को पूरा करना होता है।
- मंथली सीरीज महीने के शुरवात से चालू होकर आखिरी गुरवार तक होती है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग मे ट्रेडिंग करने के लिए आप चालू महीने से 3 महीने की सीरीज पर ट्रेड कर सकते है।
- सीरीज को खरीदते समय उस महीने के साथ आपको शेयर लॉट दिया जाता है।
- कॉल और पुट ऑप्शन मे आप खरीददार है या बेचने वाले इसके ऊपर फायदे निर्भर करते है।
- कॉल और पुट ऑप्शन खरीदार को नुकसान के समय सिर्फ प्रीमियम राशि डूबने पर नुकसान होता है।
- वही शेयर तय कीमत के ऊपर जाने पर ज्यादा लाभ हो सकता है।
- इसी समय पुट ऑप्शन मे आपको मुनाफा सिमित है लेकिन नुकसान की सम्भावन ज्यादा होती है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग मे आप गिरते शेयर बाजार पर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते है। ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें?
- ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए आपको लीवरेज मिलता है जिसमे आपको कम पैसे पर ज्यादा शेयर लेने का विकल्प मिलता है।
शेयर मार्किट में CE और PE क्या है? 5 मिनट में समझें [2022] | What is CE & PE Stock Market Example in Hindi?
जो लोग वित्तीय पृष्ठभूमि से नहीं हैं, उनके लिए ऑप्शन ट्रेडिंग भ्रम से भरी है। बहुत सारे शब्द हैं जिन्हें समझना मुश्किल है। अगर आप शेयर मार्किट में CE और PE को अच्छे से समझना चाहते हो तो यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आपके लिए है। पहली बार जब कोई ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना शुरू करते हैं हर किसी के मन में यह सवाल आता है कि Stock Market में CE और PE क्या है?
तो लेख में हम इन शर्तों के बारे में आपके भ्रम को दूर करने के लिए उदाहरण के साथ सीई और पीई पर विवरण में चर्चा करेंगे। तो चलिए चर्चा करना शुरू करते हैं कि CE और PE क्या है?
Table of Contents
CE और PE क्या है? – What is CE & PE Share Market Example in Hindi?
CE कॉल ऑप्शन (Call Option) का शॉर्ट फॉर्म है, हालांकि वास्तव में इसका पूरा नाम कॉल यूरोपियन (Call European) है। CE निवेश अनुबंध (Contracts) हैं जो निवेशक को एक निश्चित समय सीमा के भीतर एक निश्चित लागत पर स्टॉक, बॉन्ड, उत्पाद, या अन्य संपत्ति या साधन खरीदने का अधिकार प्रदान करते हैं, वो भी बिना प्रतिबद्धता के।
मूल संपत्ति एक शेयर, बांड या कमोडिटी है। जब मूल संपत्ति का मूल्य बढ़ता है, तो कॉल खरीदार को लाभ होता है।
प्रतिभूतियों पर कॉल विकल्प (Call Option) निवेशक को एक निश्चित तिथि (समाप्ति तिथि) से पहले एक निश्चित कीमत (स्ट्राइक प्राइस) पर फर्म के शेयरों की निश्चित संख्या हासिल करने का विकल्प प्रदान करते हैं।
कॉल ऑप्शन (CE) कब खरीदें? – When to Buy Call Option in Hindi?
मान लें कि रिलायंस की वार्षिक आम बैठक (AGM) आ रही है, और आप उम्मीद करते हैं कि बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा। हालाँकि स्टॉक वर्तमान में INR 1950 पर कारोबार कर रहा है, आप मानते हैं कि यह समाचार कीमत को अधिक बढ़ा देगा, संभवतः INR 1950 से ऊपर।
हालांकि, आप कैश सेगमेंट में रिलायंस को खरीदने से सावधान हैं क्योंकि यह बहुत जोखिम भरा है, और आप इसे फ्यूचर्स मार्केट में नहीं खरीदना चाहेंगे क्योंकि फ्यूचर्स आपको असीमित जोखिम के लिए उजागर करता है।
आप घोषणा के परिणामस्वरूप दर में वृद्धि से चूकना नहीं चाहते हैं, और आप अस्थिरता को खत्म करने के लिए थोड़ी सी राशि का जोखिम उठाने को तैयार हैं। आपके लिए, एक कॉल विकल्प एकदम सही है।
उदाहरण:
आप विकल्प बाजार में तरलता के आधार पर, एक ऐसे समय में जब मौजूदा कीमत INR 1950 है, एक रिलायंस कॉल ऑप्शन में INR 1970 की स्ट्राइक लागत के साथ व्यापार करने में रुचि हो सकती है।
PE का क्या अर्थ है? – What is PE in Stock Market in Hindi?
PE, Put Option का संक्षिप्त रूप है, हालाँकि, वास्तविक पूर्ण रूप पुट यूरोपियन है। पुट विकल्प (Put Option) एक अनुबंध है जो धारक को एक निश्चित समय अवधि के भीतर एक विशिष्ट लागत पर वास्तविक सुरक्षा के मूल्य से पहले बेचने या बेचने की प्रतिबद्धता नहीं बल्कि विशेषाधिकार देता है।
स्ट्राइक रेट वह निश्चित मूल्य है जिस पर पुट ऑप्शन का ट्रेडर बेचेगा। शेयरों, मुद्राओं, बांडों, वस्तुओं, वायदा और सूचकांकों को पुट विकल्प के लिए मूल संपत्ति के रूप में आदान-प्रदान किया जाता है।
कॉल ऑप्शन पुट ऑप्शन के बिल्कुल विपरीत है। किसी भी बाजार में विक्रेता के बिना बोली लगाने वाला कभी नहीं हो सकता। समान रूप से, आप विकल्प खंड में पुट विकल्प के बिना कॉल विकल्प प्राप्त नहीं कर सकते।
शेयर पुट ऑप्शन उसी तरह से काम करते हैं जैसे स्टॉक कॉल ऑप्शन करते हैं। इस स्थिति में, फिर भी, विकल्प निवेशक शेयर के मूल्य पर मंदी की स्थिति में है और गिरावट से लाभ की उम्मीद करता है।
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