लेजर (ledger) P2P नेटवर्क पर आधारित होता है, अगर किसी एक ब्लॉक में बदलाव किया जाता है तो सारे नोड्स को लेजर के द्वारा पता चल जाता हैं। यह तकनीक विकेंद्रीकृत है, एक सिस्टम से पूरी चेन कनेक्ट नहीं होती बल्कि पूरी चेन के सारे सिस्टम एक-दूसरे से कनेक्ट होते हैं।

पिछले सात दिनों में बिटकॉइन 13.00 फीसदी गिर चुकी है.

बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई? | History of bitcoin? A Short History Of Bitcoin.

आपने बिटकॉइन के बारे में सुना तो होगा , जो की एक क्रिप्टो करेंसी है। हालाँकि बिटकॉइन को देखा या छुआ नहीं जा सकता लेकिन फिर भी इसका क्रेज प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यह क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल मुद्रा है। अमीर लोग अपनी सेविंग्स को बढ़ा रहे है जिस कारण बिटकॉइन की मूल्य में वृद्धि होती जा रही है।

सन २०१७ में बिटकॉइन उच्च कीर्तिमान (रिकॉर्ड) बनाने के बाद इसके ग्राफ में थोड़ी कमी आ गए थी। लेकिन अंतिम ३ बर्षो में इसने फिर से रेकॉर्ड कायम कर लिया है। इस क्रिप्टो करेंसी में विषेस लोग निवेश कर रहे है। आइये थोड़ा History of bitcoin? के बारे में जानते है|

बिटकॉइन Bitcoin का इतिहास का इतिहास | What is the history of bitcoin

बिटकॉइन के बारे में पहली बार सन 2008 को सातोशी नकामोटो satoshi nakamoto ने वाइट पेपर में प्रकाशित किया था। उस वाइट पेपर में बिटकॉइन काम कैसे करता है ? इसके बारे में जानकारी दी गई थी। लेकिन इसको बनाने वाले की स्पष्ट जानकारी किसी को मालूम नहीं चली बस एक नाम उठ कर आया सातोशी नकामोटो।

हालांकि बिटकॉइन के पीछे कोई इंसान है या कोई ग्रुप ? इसके बारे में कोई भी ठीक से नहीं जानता। बिटकॉइन मुद्रा ३ जनवरी 2001 को प्रकाशित किया गया था। शुरुआत के दिनों में इसका प्रचलन बहुत धीमा रहा, लेकिन 2015 के आते ही पूरी दुनिया भर में इसका प्रचलन होने लगा। जिससे की लोगो ने इसमें ज्यादा से ज्यादा ट्रेडिंग (निवेश) करना शुरु कर दिया। देखते ही देखते बिटकॉइन कई देशो में कानूनी रूप से जाना जाने लगा।

जिस कारण इसकी कीमत में बढोतरी हुई। वर्तमान में इसकी कीमत 50000 डॉलर के आस पास Bitcoin का इतिहास है। हाल ही में भारत में इसका प्रचलन बहुत बढ़ा है।सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसकी मंजूरी दे दी है| अब भारतीय सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने पर विचार कर रही है।

बिटकॉइन में ट्रेडिंग कैसे करे ? How to trade Bitcoin?

दुनिया भर में बिटकॉइन की कीमत एक समान है जिससे लोग इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश(trading) करने लगे है। बिटकॉइन की ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट के द्वारा की जाती है। Bitcoin का इतिहास और इसकी कीमत दुनिया भर की गतिबिधियो को देखते हुए बढ़ती अथवा घटती रहती है कोईभी देश बिटकॉइन की कीमत को तय नहीं कर सकता है इसे केवल डिजिटली Bitcoin का इतिहास कण्ट्रोल किया जा सकता है। बिटकॉइन में ट्रेडिंग किसी भी Bitcoin का इतिहास समय सकते है इसका कोई निर्धारित समय नहीं होता है। और याद रखें बिटकॉइन ट्रेडिंग में बहुत तेज़ी से Bitcoin का इतिहास उतार चढाव होते रहते है। इसलिए बहुत सावधानी से इसमें निवेश करें।

बिटकॉइन में निवेस करने के लिए “kraken” प्लेटफार्म का उपयोग किया है जो की बिटकॉइन के लेनदेन का माध्यम है। “Kraken” को साल २०११ में जारी किया गया था। बिटकॉइन को एक्सचेंज करने के लिए आपको केवल ३ पद्धति का पालन करना होगा। वो है –

Table of contents

ब्लॉकचेन Bitcoin का इतिहास एक विकेंद्रीकृत तकनीक का नाम है और क्रिप्टो करेंसी इस पर आधारित एक एप्लीकेशन है। ब्लॉकचेन तकनीक वितरित लेजर (distributed ledger) टेक्नोलॉजी का एक हिस्सा है, जँहा ब्लॉकचेन में डाटा को ब्लॉक्स में स्टोर किया जाता हैं। इसमें ब्लॉक्स की एक श्रेणी रहती है, जिनमें सूचनाएं होती है और ये सूचनाएं क्रिप्टोग्राफी के जरिए एनकोडेड होती हैं। सरल शब्दों में ब्लॉकचेन को इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस भी कहते हैं।

क्रिप्टोग्राफ़ी की बात करें तो यह डाटा को स्टोर करने और आगे ट्रांसमीट करने का एक तरीका हैं। अगर ब्लॉकचेन का प्रयोग पैसे ट्रांसफर के लिए किया जा रहा है तो ब्लॉक्स में सेंडर का नाम रिसीवर का नाम और अमाउंट की जानकारी होती है इसके अलावा ब्लॉक्स में एक हैश(HASH) भी होता है, हैश यूनिक आइडेंटिटी कार्ड्स को कहां जाता है। इस हैश की तुलना आप फिंगरप्रिंट से भी कर सकते हैं जैसे फिंगरप्रिंट यूनिक होता है वैसे ही हर हैश यूनिक होता हैं।

क्रिप्टोग्राफी क्या हैं? (What is Bitcoin का इतिहास cryptography in hindi)

क्रिप्टोग्राफी सामान्य लेख को बायनरी (binary) रूप में परिवर्तित करता है यानी कि सिंपल शब्दों को अंको में परिवर्तित करता है, क्रिप्टोग्राफी के द्वारा डाटा को स्टोर किया जाता है एवं डाटा को ट्रांसमिट कराया जाता है, इसे किसी विशेष रूप में ही ट्रांसमिट किया जाता है। साथ ही जिस व्यक्ति को क्रिप्टोग्राफी के द्वारा डाटा Bitcoin का इतिहास भेजा जाता है केवल वे ही इसे समझ सकते हैं या Decode कर सकते हैं। यह डाटा को चोरी होने से बचाता है एवं पूरी तरह से डाटा को सुरक्षित रखता हैं।

यूनिक आइडेंटिफायर कोड्स को हैश कहते हैं। जिस Bitcoin का इतिहास तरह से हर व्यक्ति का फिंगरप्रिंट अलग होता है उसी तरह से हैश भी अलग-अलग होता है। इसलिए इसे यूनिक कहते हैं। हैश को अंको और अल्फाबेट से निरूपित( represent) करते हैं। उदाहरण के तौर पर 11SY28T, हैश सभी ब्लॉक्स में होता है एवं सभी ब्लॉक्स हैश के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।

ब्लॉकचेन कैसे काम करता है? (How does Blockchain work?)

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ब्लॉक पर आधारित एवं कार्य करने वाला सिस्टम हैं। ब्लॉक में उपयोगकर्ता की जानकारी एवं ट्रांजैक्शन हिस्ट्री होती है, मान लीजिए कि 3 ब्लॉक होते हैं ये तीन ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते हैं इन तीनों में हैश होता है। अगर किसी भी ब्लॉक को बदला जाता है तो अन्य ब्लॉक को बदलावों का पता चल जाता है, कंप्यूटर के द्वारा करोड़ों अरबों हैश को कुछ सेकंड में ही कैलकुलेट किया जाता हैं।

ब्लॉकचेन को प्रूफ ऑफ वर्क भी कहते हैं। ब्लॉकचेन कंप्यूटर के द्वारा सारे कामों की सूची तैयार करके अपने पास स्टोर करता हैं। अगर कोई यूजर ट्रांजैक्शन करता है तो ट्रांजैक्शन किसके द्वारा किया गया है और ट्रांजैक्शन कहां किया गया है। इसके अलावा ट्रांजैक्शन की राशि को ब्लॉकचेन ब्लॉक के अंदर स्टोर करता हैं, आवश्यकता पड़ने पर ब्लॉक के डेटाबेस को देखा एवं पढ़ा जा सकता हैं।

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