India's external trade recovers strongly in 2021-22

Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट, गोल्ड रिजर्व भी फिसला, जानें कैसी रहा हफ्तेभर का हाल?

Forex Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) में गिरावट आई है. 8 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया है.

By: ABP Live | Updated at : 16 Jul 2022 01:06 PM (IST)

विदेशी मुद्रा भंडार (फाइल फोटो)

Foreign Exchange Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) में गिरावट आई है. 8 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया है. बता दें विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA) के घटने की वजह से यह गिरावट देखने को मिली है. रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने आंकड़ा जारी कर इस बारे में जानकारी दी है.

पिछले हफ्ते कैसा रहा था हाल
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, एक जुलाई को समाप्त पिछले सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 5.008 अरब डॉलर घटकर 588.314 अरब डॉलर रह गया था.

क्यों आई है गिरावट?
आठ जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार घटने से भी विदेशीमुद्रा भंडार कम हुआ है.

FCA कितना फिसला?
भारतीय रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 6.656 अरब डॉलर घटकर 518.089 अरब डॉलर रह गयी. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

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गोल्ड रिजर्व भी फिसला
आंकड़ों के विदेशी मुद्रा का आरक्षित भंडार मुताबिक, गोल्ड रिजर्व की बात करें तो इसमें भी गिरावट देखी गई है. गोल्ड रिजर्व 1.236 अरब डॉलर घटकर 39.186 अरब डॉलर रह गया है.

SDR में आई गिरावट
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) 12.2 करोड़ डॉलर घटकर 18.012 अरब डॉलर रह गया है. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 4.9 करोड़ डॉलर घटकर 4.966 अरब डॉलर रह गया.

Published at : 16 Jul 2022 01:06 PM (IST) Tags: foreign currency gold reserve foreign exchange reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

भारत से लेकर चेक ​गणराज्य तक के घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ डॉलर की कमी

भारत से लेकर चेक ​गणराज्य तक के घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ डॉलर की कमी

दुनिया भर में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign-Currency Reserves) में काफी तेजी से गिरावट आ रही है. इसकी वजह है कि भारत से लेकर चेक ​गणराज्य तक, कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अपनी-अपनी मुद्रा को समर्थन देने के लिए हस्तक्षेप किया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल वैश्विक मुद्रा भंडार लगभग 1 लाख करोड़ डॉलर या 7.8 प्रतिशत घटकर 12 लाख करोड़ डॉलर रह गया है. ब्लूमबर्ग ने इस डाटा को कंपाइल करना साल 2003 से शुरू किया था. विदेशी मुद्रा भंडार में यह तब से लेकर अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.

इस गिरावट का एक हिस्सा केवल वैल्युएशन में बदलाव के कारण है. अमेरिकी मुद्रा डॉलर, यूरो और येन जैसी अन्य आरक्षित मुद्राओं के मुकाबले दो दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. इसने इन मुद्राओं की होल्डिंग की डॉलर वैल्यू को कम कर दिया. लेकिन घटते भंडार भी मुद्रा बाजार में तनाव को दर्शाते हैं, जो केंद्रीय बैंकों की बढ़ती संख्या को मूल्यह्रास को रोकने के लिए अपने खजानों में झांकने के लिए मजबूर कर रहा है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 96 अरब डॉलर घटा

उदाहरण के लिए, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर रह गया है. देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई का कहना है अप्रैल से अब तक के वित्तीय वर्ष के दौरान भंडार में आई गिरावट में 67 प्रतिशत का योगदान एसेट वैल्युएशन बदलाव का है. इसका अर्थ है कि शेष गिरावट, भारतीय मुद्रा को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप की वजह से है. रुपये में इस साल डॉलर के मुकाबले करीब 9 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले महीने यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया.

जापान ने निकाले 20 अरब डॉलर

जापान ने 1998 के बाद पहली बार मुद्रा को समर्थन देने के लिए सितंबर में येन की गिरावट को धीमा करने के लिए लगभग 20 अरब डॉलर खर्च किए. इसका, इस साल जापान के विदेशी मुद्रा भंडार के नुकसान में लगभग 19% हिस्सा होगा. चेक गणराज्य में मुद्रा हस्तक्षेप ने फरवरी से भंडार को 19% कम किया है. हालांकि गिरावट की भयावहता असाधारण है, लेकिन मुद्राओं की रक्षा के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करने की प्रथा कोई नई बात नहीं है. जब विदेशी पूंजी की बाढ़ आती है तो केंद्रीय बैंक डॉलर खरीदते हैं और मुद्रा की वृद्धि को धीमा करने के लिए अपने भंडार का निर्माण करते हैं. बुरे समय में वे इससे पूंजी निकालते हैं.

भारत का भंडार 2017 के स्तर से अभी भी 49% अधिक

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अधिकांश केंद्रीय बैंकों के पास अभी भी हस्तक्षेप जारी रखने के लिए पर्याप्त शक्ति है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी 2017 के स्तर से 49% अधिक है, और नौ महीने के आयात का भुगतान करने के लिए विदेशी मुद्रा का आरक्षित भंडार पर्याप्त है. हालांकि कुछ केंद्रीय बैंक ऐसे भी हैं, जहां यह भंडार तेजी से ​खत्म हो रहा है. इस साल 42% की गिरावट के बाद, पाकिस्तान का 14 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार तीन महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

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विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर पर

आठ जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार घटने से भी विदेशीमुद्रा भंडार कम हुआ है।

भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 6.656 अरब डॉलर घटकर 518.089 अरब डॉलर रह गयी।

डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 1.236 अरब डॉलर घटकर 39.186 अरब डॉलर रह गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 12.2 करोड़ डॉलर घटकर 18.012 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 4.9 करोड़ डॉलर घटकर 4.966 अरब डॉलर रह गया।

भाषा राजेश राजेश रमण

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Economic Survey: विदेशी मुद्रा भंडार में भारत से आगे केवल चीन, जापान और स्विट्जरलैंड

आर्थिक समीक्षा 2021-22 में देश के विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में बताया गया है कि भारत अब दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश है. उससे आगे सिर्फ चीन, जापान और स्विट्जरलैंड हैं. जानें कितना है देश का विदेशी मुद्रा भंडार.

बढ़ गया देश का विदेशी मुद्रा भंडार

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2022,
  • (अपडेटेड 31 जनवरी 2022, 5:51 PM IST)
  • 600 अरब डॉलर को पार कर गया फॉरेक्स रिजर्व
  • भारत चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश

अर्थव्यवस्था की मजबूती दिखाने वाले कई मानकों में से एक देश का विदेशी मुद्रा भंडार चालू वित्त वर्ष में काफी बढ़ा है. आर्थिक समीक्षा 2021-22 के मुताबिक अब भारत दुनिया का चौथा सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश है.

600 अरब डॉलर से अधिक विदेशी मुद्रा भंडार
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार 600 बिलियन डॉलर (करीब 44,810 अरब रुपये) से ऊपर निकल गया. इस साल 31 दिसम्‍बर, 2021 तक 633.6 बिलियन डॉलर (करीब 47,300 अरब रुपये) के स्‍तर पर पहुंच गया. वहीं विदेशी मुद्रा भंडार के लिहाज से नवम्‍बर 2021 के अंत तक चीन, जापान और स्विट्जरलैंड ही भारत से आगे रहे.

India's external trade recovers strongly in 2021-22

India was the fourth-largest forex reserves holder in the world after China, Japan, and Switzerland#EconomicSurvey #Budget2022

इतना रहा विदेशी कर्ज
हालांकि आर्थिक समीक्षा में देश पर कुल विदेशी कर्ज का भी जिक्र किया गया है. सितंबर 2021 के अंत तक देश पर कुल 593.1 अरब डॉलर (करीब 44,295 अरब रुपये) का विदेशी कर्ज था. जो 30 जून 2021 के मुकाबले 3.9% अधिक है.

संसद के बजट सत्र की शुरुआत आज राष्ट्रपति के अभिभाषण से हो गई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों सदन की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के दोनों सदनों में आर्थिक समीक्षा 2021-22 पेश की. वित्त मंत्री कल सुबह 11 बजे वित्त वर्ष 2022-223 के लिए विदेशी मुद्रा का आरक्षित भंडार आम बजट पेश करेंगी. आर्थिक समीक्षा हमेशा बजट से एक दिन पहले पेश की जाती है.

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