एसआईपी के माध्यम से, आप ईटीएफ की कीमत कम होने पर अधिक यूनिट और ईटीएफ की कीमत अधिक होने पर कम यूनिट खरीद सकते है। जब आप इस ईटीएफ रणनीति का उचित रूप से लंबे समय के लिए उपयोग डे ट्रेडिंग ईटीएफ करते है, तो आपकी होल्डिंग्स की कुल लागत अपने आप इसके औसत मूल्य के बराबर हो जाएगी। कुल मिलाकर, रूपी कॉस्ट एवरेजिंग एक शक्तिशाली परिघटना है जो आपको काफी अधिक लाभ कमाने में मदद कर सकती है।
Liquid ETF: शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों के लिए बेहतर है ये फंड, कम जोखिम में रिटर्न के साथ अच्छी लिक्विडिटी की सुविधा भी
By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST)
Liquid ETF: क्या आप भी शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करते हैं? अगर हां, तो लिक्विड ईटीएफ (Liquid Exchange Traded Funds) आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. समझते हैं कि आखिर इसके पीछे क्या तर्क है. जब कोई स्टॉक मार्केट ट्रेडर या इंवेस्टर अपना निवेश बेचता है तो अपने पैसों का दोबार निवेश करने से पहले उसके पास दो समस्याएं आती हैं. मान लेते हैं कि किसी व्यक्ति ने आपने स्टॉक मार्केट में निवेश किया और कुछ महीने में आपका इंवेस्टमेंट बढ़ गया. अब आप मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना चाहते हैं. आप पहले दिन सेल ऑर्डर देंगे. दूसरे दिन आपके डीमैट अकाउंट से आपका स्टॉक डेबिट होगा और तीसरे दिन आपके मार्जिन अकाउंट में उसके पैसे आएंगे. अब आपकी इच्छा कि आप नए निवेश करने तक उन पैसों को मार्जिन अकाउंट में रखना चाहते हैं या फिर बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं.
Liquid ETF कैसे है फायदे का सौदा?
एक स्टॉक मार्केट इंवेस्टर के तौर पर आपके मन में यह उलझन हो सकता है कि मार्जिन अकाउंट में आपके पैसे यूं ही पड़े रहेंगे और उस पर कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा. ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपके पास वक्त भी होना चाहिए. लिक्विड ईटीएफ आपकी इन दोनों समस्याओं का समाधान है. ये कम जोखिम वाले ओवरनाइट सिक्योरिटीज जैसे कोलैटरलाइज्ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशंस (CBLO), रेपो और रिवर्स रेपो सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. ये दैनिक आधार पर आपको डिविडेंड देते हैं जिसका पुनर्निवेश फंड में कर दिया जाता है. इनमें जोखिम कम होता है और आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं.
लिक्विड ईटीएफ में निवेश से पहले बेंचमार्क की तुलना में उसके रिटर्न और एक्सपेंस रेशियो की तुलना करें. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड ईटीएफ का एक्सपेंस रेशियो 0.25 प्रतिशत है. वहीं, डीएसपी निफ्टी लिक्विड ईटीएफ का एक्सपेंश रेशियो 0.64 प्रतिशत है, जबकि निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के लिक्विड बीईईएस का खर्च 0.69 फीसदी पड़ता है.
खुदरा निवेशकों के लिए, इक्विटी शेयरों की बिक्री के समय ब्रोकर को समान राशि का निवेश करने का निर्देश देकर लिक्विड ईटीएफ की यूनिट खरीदना समझदारी है. जब निवेशक कुछ इक्विटी शेयर खरीदना चाहें, तो किसी ब्रोकर से लिक्विड ईटीएफ का उपयोग करके खरीदारी करने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन मनी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
ईटीएफ़ व्यापार रणनीतियों को समझना
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ईटीएफ, जिसे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी कहा जाता है, अनिवार्य रूप से म्यूचुअल फंड है जिनका कारोबार कंपनी के नियमित स्टॉक जैसे स्टॉक एक्सचेंज पर किया जाता है। हालाँकि, म्यूचुअल फंड के विपरीत इन्हें केवल ट्रेडिंग सेशन के अंत में ही खरीदा और बेचा जा सकता है, ईटीएफ को डे ट्रेडिंग ईटीएफ स्टॉक के समान एक ट्रेडिंग सेशन के अंत में किसी भी समय पर खरीदा और बेचा जा सकता है।
चूंकि एक ईटीएफ स्टॉक की लिक्विडिटी के साथ म्यूचुअल फंड के विविध लाभों को जोड़ता है, इसलिए इसे कई निवेशकों द्वारा बाजार में सबसे अच्छे शुरुआती अनुकूल निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि कई ईटीएफ व्यापार रणनीतियां ऐसी है जिसका कई व्यापारी और निवेशक फंड द्वारा पेश की जाने वाली लिक्विडिटी और अल्पकालिक कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभ कमाने के लिए उपयोग करते है।
यदि आप निवेश के लिए कुछ ईटीएफ़ निवेश रणनीतियों की तलाश में है, तो यहाँ कुछ है जो कि आपकी मदद कर सकता है।
ईटीएफ के बारे में यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
- ईटीएफ क्या है?
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ शेयर बाजार में लिस्ट और ट्रेड होने वाले फंड हैं. न्यू फंड ऑफर यानी एनएफओ की अवधि के दौरान फंड हाउस से खरीदने के लिए ये उपलब्ध होते हैं. एनएफओ के बाद फंड की यूनिटें शेयर बाजार पर लिस्ट होती हैं. फिर इन्हें वहां से खरीदा और बेचा जा सकता है. - ईटीएफ के कितने प्रकार होते हैं?
इंडेक्स फंडों की तरह ईटीएफ अमूमन किसी खास मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. इनका प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा होता है. यह इंडेक्स निफ्टी ईटीएफ जैसा शेयर मार्केट इंडेक्स हो सकता है या गोल्ड ईटीएफ जैसा कमोडिटी इंडेक्स या बॉन्ड ईटीएफ के तौर पर बॉन्ड मार्केट. एसेट मैनेजमेंट कंपनी ईटीएफ लॉन्च करती हैं. इन्हें किसी अन्य म्यूचुअल फंड स्कीम की तरह ही पेश किया जाता है. - ईटीएफ में निवेश के लिए क्या शर्त है?
ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट के डे ट्रेडिंग ईटीएफ साथ ट्रेडिंग अकाउंट का होना जरूरी है. कोई व्यक्ति 3-इन-1 अकाउंट खोलने का भी विकल्प चुन सकता है. इसमें बैंक अकाउंट के साथ डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की सुविधा मिलती है. इस तरह आप ज्यादा कुशलता के साथ एक ही जगह अपने निवेश को मैनेज कर पाते हैं. इस अकाउंट को खोलने के लिए एक फॉर्म भरना पड़ता है. साथ ही केवाईसी दस्तावेज भी जमा करने पड़ते हैं. - ईटीएफ में निवेश का क्या तरीका है?
कारोबारी घंटों के दौरान ईटीएफ की मनचाही यूनिटें खरीदकर निवेश किया जा सकता है. निवेशक अपने ब्रोकर को निवेश का इंस्ट्रक्शन दे सकते हैं या ब्रोकर की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर निवेश कर सकते हैं. - ईटीएफ कैसे काम करते हैं?
जिस तरह दूध के दाम बढ़ जाने से पनीर और घी महंगे हो जाते हैं. ठीक वैसे ही ईटीएफ में भी इंडेक्स के चढ़ने-उतरने का असर होता है. यानी ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है. - ईटीएफ का रिटर्न कैसा होता है?
ईटीएफ के पोर्टफोलियो में तमाम तरह की प्रतिभूतियां होती हैं. इनका रिटर्न इंडेक्स जैसा होता है. - ईटीएफ में कैसे होती है खरीद-बिक्री?
ईटीएफ की पेशकश पहले एनएफओ के रूप में होती है. फिर ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं. एनएफओ किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की नई स्कीम होती है. इसके जरिये कोई म्यूचुअल फंड कंपनी शेयरों, सरकारी बॉन्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने के लिए निवेशकों से पैसे जुटाती है. ट्रेडिंग पोर्टल या स्टॉक ब्रोकर के जरिये शेयर बाजार पर ईटीएफ की खरीद-फरोख्त होती है.
ईटीएफ निवेशकों के लिए उसी दिन के कारोबार के दौरान का शुद्धि परिसम्पत्ति मूल्य लागू होगा
इसके तहत बड़े निवेशकों के सीधे संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) से ईटीएफ सौदों के लिये इंट्रा-डे एनएवी लागू होगा।
म्यूचुअल फंड उद्योग से मिली प्रतिक्रिया और सेबी की म्यूचुअल फुंड परामर्श समिति की सिफारिशों के आधार पर यह निर्णय किया गया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि अधिकृत प्रतिभागियों और बड़े निवेशक द्वारा सीधे एएमसी (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) के साथ ईटीएफ की इकाइयों में लेनदेन के लिए ‘इंट्रा-डे एनएवी’ का प्रावधान किया है। इसके लिये एनएवी निष्पादित मूल्य पर आधारित होंगे। यह मूल्य वह है जिस पर प्रतिभूतियों/जिंसों की खरीद-बिक्री होती है।
निवेश की बात: ट्रेडिंग में लचीलापन और इंडेक्स का फायदा सहित ये 6 कारण ETF को बनाते हैं निवेश के लिए बेहतर
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF निवेश फंड है जो एक इंडेक्स को ट्रैक करता है और इसे दोहराता है। डे ट्रेडिंग ईटीएफ ETF एक साथ इक्विटी, डेट और गोल्ड जैसे अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश कर सकता है। इसे शेयर की तरह एक्सचेंज पर खरीदा और बेचा जाता है। इसमें निवेश की लागत काफी कम होती है। एक्सिस एएमसी के हेड प्रोडक्ट्स एंड अल्टरनेटिव्स अश्विन पाटनी आपको ETF से जुड़ी खास बातों के बारे में बता रहे हैं।
डायवर्सिफिकेशन में सहूलियत
ईटीएफ के जरिये आप कई एसेट क्लास, मसलन इक्विटी, बॉन्ड और गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। हर एसेट क्लास अलग तरह से व्यवहार करता है और उसके प्रदर्शन में बहुत कम या कोई आपसी संबंध नहीं होता है। यह किसी एक एसेट क्लास में अस्थिरता से निपटने में मदद करता है।
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