Opinion: जल परिवहन के क्षेत्र में क्रांति लेकर आई मोदी सरकार, सस्ते यातायात का सपना हो रहा है साकार
देश की अर्थव्यवस्था पर लॉजिस्टिक्स का बोझ लगभग 18 फीसदी है यानी सामान को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक ले जाने मे . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : December 01, 2022, 13:07 IST
नई दिल्ली: भाजपा सरकार 1,900 करोड़ रुपए की लागत से देश भर में 45 रो-रो फेरी परियोजनाओं को शुरू करने का काम किया था. प्रधानमंत्री मोदी का विजन गुजरात में कनेक्टिविटी और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाना था. सड़क, रेल के साथ-साथ जल कनेक्टिविटी माध्यम को आज विकसित किया जा रहा है, जिससे कृषि, उद्योग, व्यापार को एक नया आयाम मिल रहा है. आंकड़ों के अनुसार, देश में परिवहन के साधनों में सबसे अधिक सड़क परिवहन का हिस्सा 55% है. रेलवे माल ढुलाई का 35% वहन करती है. यातायात का सबसे सस्ता माध्यम होने के बावजूद जल मार्ग से केवल 5-6% परिवहन होता है, जबकि अन्य देशों में जलमार्गों और तटीय परिवहन की हिस्सेदारी लगभग 30% से अधिक है. जलमार्ग के सस्ते परिवहन को बढ़ावा देने का फैसला भाजपा सरकार ने लिया, ताकि ईंधन की खपत और पैसों की बचत दोनों हो सके यानी एक पंथ दो काज.
देश की अर्थव्यवस्था पर लॉजिस्टिक्स का बोझ लगभग 18 फीसदी है यानी सामान को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक ले जाने में अन्य देशों की अपेक्षा हमारे देश में खर्च अधिक होता है. यह भी एक बड़ा कारण है, जिसकी वजह से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं. जल परिवहन को बढ़ावा देकर लॉजिस्टिक्स पर आने वाली लागत को लगभग आधा किया जा सकता है, क्योंकि देश में इसके लिये साधन, संसाधन, सुविधाएं और सामर्थ्य सब मौजूद हैं. इसी का सदुपयोग करते हुए भाजपा सरकार ने इस कदम को आगे बढ़ाया और देश में रो-रो फेरी सर्विस के रूप में एक क्रांति लाई और उस पर सकारात्मक रूप से कार्य किया. पीएम मोदी ने खुद एक कदम बढ़ाते हुए इसकी शुरुआत में ही केवडिया से यात्रा करके की.
आज घोघा-हजीरा रो पैक्स फेरी सेवा न केवल दो प्रमुख केंद्रों यानी कृषि हब (सौराष्ट्र) को गुजरात के दक्षिणी वाणिज्यिक, कपड़ा और डायमंड हब से जोड़ रहा है, घोघा-हजीरा रो पैक्स फेरी ने आज दूरी को कम करके दिखाया है. रो-रो फेरी सेवा ने गरीबों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है. रो-रो फेरी से आज सौराष्ट्र और सूरत के लोगों के सामाजिक और आर्थिक जीवन पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं. यह संभव हो पाया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के विजन से. बीजेपी सरकार ने गुजरात के मूल द्वारका और पीपावाव के बीच दूसरी रो पैक्स फेरी सेवा को शुरू करने की मंजूरी दी है. जल परिवहन के क्षेत्र में गुजरात के विकास में एक नई उपलब्धि शामिल हुई है.
भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई इस सेवा से जहां दूरियां घटीं हैं, वहीं ईंधन की बचत हो रही है और इसी के साथ पर्यावरण का बचाव हो रहा है. रो-रो फेरी दिन में तीन ट्रिप लगा रही है. आज इससे सैकड़ों यात्रियों और वाहनों का भी आवागमन रोजाना हो रहा है. हजीरा से घोघा के बीच सड़क मार्ग से 370 किमी दूरी है, जबकि जल मार्ग से मात्र 80 किमी है. इससे दैनिक लाभ क्रांति कैसे काम करती है? 9 हजार लीटर ईंधन भी बच रहा है और साथ ही दिन-रात यात्रा करने वाले यात्रियों का 10 घंटे का सफर घटकर अब 4 घंटे का हो गया है.
रो-रो फेरी ने सतत परिवहन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. रो-रो फेरी सुलभ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है. इसके माध्यम से गुजरात में परिवहन के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित करने का लाभ हो रहा लाभ क्रांति कैसे काम करती है? है. इससे आज पूरे क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास का एक नया दौर शुरू हो चुका है तथा रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध हुए हैं. आज आम जनता के साथ-साथ रो-रो फेरी सर्विस का सबसे बड़ा फायदा उन व्यापारियों को मिल रहा है, जो भावनगर अमरेली से सूरत व्यापार करने जाते हैं. इस सर्विस से वो सुबह जा कर शाम को वापस भी आ पा रहे हैं. पहले लाभ क्रांति कैसे काम करती है? जहां आने-जाने में 24 घंटे लग जाते थे, वहीं अब कम समय खर्च हो रहा है. आज जैसे समय बच रहा है, वहीं पेट्रोल भी और इसी के साथ ही सड़क हादसों में भी काफी कमी आई है. जाहिर है पीएम मोदी देश को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ सपने नहीं देखते हैं, बल्कि सपनों को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ते.
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खेती में ‘नुकसान’ के बाद भी किसानों को बड़ी राहत देती है पीएम फसल बीमा योजना, जानें कैसे उठा सकते हैं लाभ
PM Fasal Bima Yojana : इस योजना के तहत किसान मामूली प्रीमियम का भुगतान कर अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं. जिसके बाद किसान प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही जंगली जानवारों से फसल को होने नुकसान की बीमा राशि प्राप्त करने के लिए पात्र हो जाते हैं.
खेती को प्रकृति आधारित व्यवसाय कहा जाता है. जिसमें प्रकृति पर ही खेती (Agriculture) का फल निर्भर होता है. अच्छी बारिश, धूप किसी भी फसल के लिए जरूरी होती है, तो वहीं कई बार इनकी अधिकता से फसल खराब भी हो जाती है. कुल मिलाकर किसानों (Farmer’s) की मेहनत प्रकृति पर ही निर्भर है, ऐसे में सीजन खत्म होने तक किसान खेती से होने वाली आय को लेकर अनिश्चित रहते हैं. तो कई बार किसानों की पूरी फसल आपदाओं की भी भेंट चढ़ जाती है. जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. खेती में इस तरह के नुकसान को किसान एक छोटी सी सुझबूझ से कम कर सकते हैं. जिसमें किसानों की राह पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) आसान बनाती है. आईए जानते हैं कि यह योजना कैसे किसानों के लिए मददगार है और किसान कैसे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
2016 में शुरू हुई है यह योजना
पीएम फसल बीमा योजना को केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2016 से शुरू किया है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को लाभ क्रांति कैसे काम करती है? होने वाले नुकसान को कवर करती है. जिसकी क्षतिपूर्ति पैसे के रूप में की जाती है. सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं को भी परिभाषित किया है. जिसके तहत बारिश, ओलावृष्टि, आग, तूफान, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन, बीमारी और सूखे से खेत में खड़ी फसलों को होने वाले नुकसान को बीमा में अंदर कवर किया गया है. वहीं कटाई के बाद खेती में रखी फसल के बारिश व आग से खराब होने को भी इस योजना के तहत कवर किया गया है. वहीं 2021 में जंगली जानवरों की तरफ से फसलों को हुए नुकसान को भी बीमा कवर में शामिल किया गया है. इसके लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया गया है. यह योजना पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगना को छोड़कर देश के सभी राज्यों में लागू है.
किसान ऐसे उठा सकते हैं इस याेजना का लाभ
देशभर के अमूमन अधिकांश राज्यों के किसान पीएम फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए किसानों को एक आवेदन फार्म भरना होता है. यह आवेदन फार्म ऑफलाइन और ऑनलाइन यानी दोनो मोड में उपलब्ध है. किसान अगर ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो वह पीएम फसल बीमा योजना की वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. वहीं लाभ क्रांति कैसे काम करती है? आफलाइन आवेदन के लिए किसान किसी भी बैंक से फार्म लेकर भर कर जमा करा सकते हैं. यह फार्म बैंक में ही जमा कराना होगा. विशेष यह है किसानों को बीमा के लिए फसल बुआई के 10 दिनों के अंदर आवेदन करना होता है, तभी कोई भी फसल बीमा के लिए पात्र मानी जाती है.
बटाईदार किसान भी पात्र,इतना चुकाना पड़ता है प्रीमियम
पीएम फसल बीमा योजना के तहत बटाईदार किसान भी अपनी बोई हुई फसल का बीमा करा सकते हैं. इसके लिए बटाईदार किसनों को अनिर्वाय रूप से आधार संख्या और बाेई गई फसल के बारे में घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होता है. इस योजना के तहत किसान खाद्या फसलों, तिलहन, बागवानी और व्यवसायिक फसलों का बीमा करवा सकते हैं. बीमा के लिए किसानों को निर्धारित प्रीमियर का भी भुगतान करना होता है. जिसके तहत खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का 2 फीसदी, रबी फसलों का 1.5 फीसद और व्यावसायिक व बागवानी फसलों के लिए अधिकतम 5 फीसद प्रीमियर का भुगतान करना होता है. बाकी का भुगतान राज्य व केंद्र सरकार की तरफ से किया जाता है.
शिवराज सरकार देगी 1 लाख से 50 लाख तक का लोन, देखिए कैसे काम करेगा 'मिशन रोज़गार'
शिवराज सरकार प्रदेश के युवाओं को स्वयं का रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए योजना ला रही है. इसके तहत खुद का काम शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से 1 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपए तक का लोन मुहैया कराया जाएगा. खास बात ये है कि लोन के लिए गारंटी के लिए कोई कागजात नहीं देने होंगे.
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भोपाल: शिवराज सरकार प्रदेश के युवाओं को स्वयं का रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए योजना ला रही है. इसके तहत खुद का काम शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से 1 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपए तक का लोन मुहैया कराया जाएगा. खास बात ये है कि लोन के लिए गारंटी के लिए कोई कागजात नहीं देने होंगे. योजना की लॉन्चिंग 31 मार्च को होनी है, जिसकी तैयारी जोरशोर से की जा रही है.
1 लाख से 50 लाख रुपए तक का ऋण
युवाओं को स्वयं का रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए 31 मार्च को मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना लॉन्च होगी. मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना की लान्चिंग 31 मार्च को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इन्टरनेशनल कन्वेशन सेंटर से होगी. इसके साथ ही योजना की लांचिंग का कार्यक्रम सभी जिला मुख्यालयों पर भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति लाभ क्रांति कैसे काम करती है? योजना के जिला स्तरीय लंचिंग कार्यक्रम में इस योजना के सभी लाभार्थियों को आमंत्रित किया जाएगा और उन्हें स्वीकृति एवं वितरण-पत्र दिये जायेंगे. इस योजना के तहत युवाओं को खुद का उद्यम स्थापित करने के लिए 1 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपए तक का ऋण मुहैया कराया जाएगा. इस लोन की गारंटी सरकार देगी.
29 मार्च को रोजगार दिवस मनाया जाएगा
युवाओं को स्वयं का रोजगार उपलब्ध करवाने की शिवराज सिंह के मिशन के अनुरूप 29 मार्च को रोजगार दिवस मनाया जाएगा. इसके बाद 31 मार्च को मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना लॉन्च होगी. उद्योग आयुक्त पी. नरहरि ने सोमवार को बताया कि प्रदेशव्यापी रोजगार दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम 29 मार्च को रीवा जिला मुख्यालय में होगा. कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण न्यूज चैनल एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया जायेगा. इस प्रसारण को जिला स्तरीय कार्यक्रम में भी दिखाने की व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है.
योजना के लाभ
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार देने के उद्देश्य से शुरू किया था. योजना के माध्यम से सरकार विभिन प्रकार के गारंटी लोन लाभार्थियों को फ्री में प्रदान करती है, जिसके माध्यम से खुद का उद्यम शुरू करके रोज़गार प्राप्त कर पाएंगे. अगर आप भी Mukhyamantri Udyam Kranti Yojana 2022 के अंतर्गत अपना पंजीकरण करना चाहते हैं तो आपको ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. एक नजर योजना के लाभ पर--
लोन के लिए किसी तरह की गारंटी देने की आवश्यकता नहीं है
योजना के अंतर्गत लाभार्थी को ऋण पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी
मध्य प्रदेश में इस योजना के माध्यम से बेरोज़गारी दर में गिरवाट आएगी
प्रदेश के केवल बेरोज़गार नागरिक ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है
आवेदक को लाभ की राशि सीधे उसके बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर माध्यम से मिल जाएगी
योजना की पात्रता
आवेदक को मध्य प्रदेश का निवासी होना जरूरी है
केवल बेरोज़गार ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं
आवेदक के पास बैंक खाता होना जरूरी है
जरूरी दस्तावेज
आधार कार्ड
बैंक पासबुक की कॉपी
निवास प्रमाण पत्र
राशन कार्ड
मोबाइल नंबर
पासपोर्ट साइज फोटो
इफको नैनो यूरिया तरल के लाभ और सावधानियां
नैनो यूरिया नैनो तकनीकी पर आधारित एक अनूठा उर्वरक है जो कि विश्व में पहली बार विकसित किया गया है तथा भारत सरकार द्वारा अनुमोदित भी है. फसल की क्रांति का अवस्थाओं पर नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की सफलतापूर्वक आपूर्ति हो जाती है,
नैनो यूरिया नैनो तकनीकी पर आधारित एक अनूठा उर्वरक है जो कि विश्व में पहली बार विकसित किया गया है तथा भारत सरकार द्वारा अनुमोदित भी है. फसल की क्रांति का अवस्थाओं पर नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की सफलतापूर्वक आपूर्ति हो जाती है, जिससे उत्पादन वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल पत्तियों पर छिड़काव के रूप में होता है और यह सामान्य दानेदार यूरिया की तरह जमीन में जाकर मिट्टी को भी दूषित नहीं करता है.
जाने नैनो यूरिया के लाभ (Know the benefits of Nano Urea)
यह सभी फसलों के लिए उपयोगी है.
सुरक्षित एवं पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ खेती हेतु उपयोगी है.
बिना उपज प्रभावित किए यूरिया तथा अन्य नाइट्रोजन युक्त यूरिया की बचत करता है.
वातावरण प्रदूषण की समस्या से मुक्ति यानि मिट्टी हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार के साथ उर्वरक उपयोग दक्षता भी इसकी अधिक है.
उत्पादन वृद्धि के साथ उत्पादक गुणवत्ता में वृद्धि होती है.
परिवहन एवं भंडारण खर्चों में कमी एवं सुगम परिवहन किया जा सकता है.
तरल नैनो यूरिया की उपयोग विधि (Application method of Liquid Nano Urea)
नैनो यूरिया का 2 से 4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के घोल का खड़ी फसल में छिड़काव करना चाहिए. नाइट्रोजन की कम आवश्यकता वाली फसलों में 2 मिलीलीटर एवं नाइट्रोजन की अधिक आवश्यकता वाली फसलों में 4 मिलीलीटर तक नैनो यूरिया प्रति लीटर पानी की दर से उपयोग किया जा सकता है. अनाज तेल सब्जी कपास इत्यादि फसलों में दो बार तथा दलहनी फसलों में एक बार नैनो यूरिया का उपयोग किया जा सकता है, जिसमें पहला छिड़काव अंकुरण या रोपाई के 30 से 35 दिन बाद तथा दूसरा छिड़काव फूल आने के 1 सप्ताह पहले किया जा सकता है. एक एकड़ खेत के लिए प्रति छिड़काव लगभग 150 लीटर पानी की मात्रा पर्याप्त होती है.
इफको ने लॉन्च किया नैनो यूरिया तरल, जानें- कीमत, फायदे और फसलों पर प्रभाव
किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है. दरअसल अब एक बोरी यूरिया खाद महज 500 ML की बोतल में मिलेगी. सुनने में आपको भले ही यह अटपटा लगे, लेकिन इफको के…
उपयोग करने के दिशा निर्देश तथा सावधानियां (Directions and Precautions for use)
उपयोग से पहले अच्छी तरह से बोतल को हिलाएं.
प्लेट फैन नोजल का उपयोग करें.
सुबह या शाम के समय छिड़काव करें. तेज धूप, तेज हवा तथा और ओस हो तब इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
यदि नैनो यूरिया के छिड़काव के 12 घंटे के भीतर बारिश होती है तो छिड़काव को दोहराना चाहिए.
जैव- उत्प्रेरक जैसे सागरिका, 100% घुलनशील उर्वरकों और कृषि रसायनों के साथ मिलाकर उपयोग किया जा सकता है. लेकिन जार परीक्षण करके ही प्रयोग करें.
बेहतर परिणाम के लिए नैनो यूरिया का उपयोग इसके निर्माण की तारीख से 2 वर्ष के अंदर कर लेना चाहिए.
नैनो यूरिया विश मुक्त है, फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से फसल पर छिड़काव करते समय फेस मास्क और दस्ताने का उपयोग करने की सलाह दी जाती है.
नैनो यूरिया को बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर ठंडी और सूखी जगह पर ही रखे.
नैनों यूरिया की कीमत और बिक्री केन्द्र (Nano Urea Price and Sales Center)
इसकी 500 मिली बोतल की कीमत लगभग 240 रूपये रखी गई है. खरीदने हेतु अपने नजदीकी इफको बिक्री केंद्र पर संपर्क करें अथवा वेबसाइट www.iffcobazar.in पर ऑनलाइन आर्डर करके सीधे अपने घर पर मंगवा सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-103-1967 या ई-मेल आईडी [email protected] पर भी संपर्क किया जा सकता है.
English Summary: Benefits and Precautions of IFFCO Nano Urea Liquid Published on: 24 June 2021, 04:15 IST
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लाभ क्रांति कैसे काम करती है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022-23 से पहले यूपी फ्री लैपटॉप योजना ऑफलाइन फॉर्म लिस्ट 2022-23 अपलोड करने का फैसला किया है। जिन छात्रों ने यूपी फ्री लैपटॉप योजना 2022-23 पंजीकरण फॉर्म ऑफलाइन मोड में भरा है, वह यूपी फ्री लैपटॉप योजना डाउनलोड कर सकते हैं। प्रथम छात्र सूची/ मेरिट सूची कॉलेज वार/ जिलेवार केवल ऑनलाइन मोड में। जहां हमारी टीम ने इस पृष्ठ पर आप फ्री लैपटॉप योजना 2022-23 सूची आधिकारिक वेबसाइट सूची को जोड़ रहा है।
क्या है यूपी स्मार्टफोन टैबलेट स्कीम जाने विस्तार से
प्रिय छात्र उत्तर प्रदेश सरकार लाखों युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट बांटने का काम कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने योजना की तैयारी भी शुरू कर दी है। जिसके लिए उत्तर प्रदेश के सभी छात्रों को जो की पात्र है उनकी लिस्ट बनाई जा रही है और उन सभी छात्रों को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक ट्विटर से जानकारी दी गई कि, टेबलेट /स्मार्टफोन वितरण का कार्य सुचारू रूप से चलाता रहे। अब हम अगले 5 वर्षों में दो करोड़ युवाओं को डिजिटल उपकरण प्रदान करना है। अब बिना किसी भेदभाव के इस योजना का लाभ सभी को दिया जाएगा।
Free Laptop Yojana Highlights 2022-23
🔥 Scheme | 🔥 Free laptop Yojana 2022-23 |
🔥 Launched by | 🔥 UP state government |
🔥 Launching year | 🔥 2021 |
🔥 Beneficiaries | 🔥 All eligible students from UP state |
🔥 Benefits | 🔥 Free laptop and tablet |
🔥 Eligibility | 🔥 65% above marks in UP Board 12th class |
🔥 Official website | 🔥 Click here |
उत्तर प्रदेश फ्री लैपटॉप योजना के लाभ तथा विशेषताएं
- इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के कक्षा 10th और 12th के छात्रों को फ्री में लैपटॉप दी जाएगी।
- इस योजना के माध्यम से शिक्षा को डिजिटल रूप में आगे बढ़ाना है।
- उत्तर प्रदेश फ्री लैपटॉप योजना 2020 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 18 सौ करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
- उत्तर प्रदेश फ्री लैपटॉप योजना का लाभ लेने के लिए विद्यार्थियों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना है जो कि फ्री है।
- फ्री लैपटॉप योजना के अंतर्गत लैपटॉप का लाभ लेने के लिए न्यूनतम अंक 65% से 70% तक हो सकते हैं।
- इस योजना के अंतर्गत टेक्निकल कॉलेज जैसे पॉलिटिकल तथा आईटीआई करने वाले छात्रों को भी शामिल किया गया है।
- लैपटॉप के माध्यम से छात्र अपनी पढ़ाई डिजिटल रूप से कर पाएंगे।
- इस योजना के माध्यम से छात्र अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
किन छात्रों को मिलेंगे स्मार्टफोन और लैपटॉप
दोस्तों आपके मन में यह सवाल होगा कि इन छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा तो आपको बता दें कि
- उत्तर प्रदेश योगी सरकार की इस योजना का लाभ उन सभी छात्रों को मिलेगा जो उत्तर प्रदेश के स्थानीय निवासी है।
- जिस विद्यार्थी को 10वीं और 12वीं में 65% या उससे अधिक अंक प्राप्त हुए हैं।
उत्तर प्रदेश फ्री लैपटॉप योजना में लगने वाले कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज
उत्तर प्रदेश फ्री लैपटॉप योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको उत्तर प्रदेश फ्री लैपटॉप योजना कि अधिकारीक वेबसाइट http://upcmo.up.nic.in/ पर जाना होगा।
- जैसे ही आप इसके होम पेज पर जाएंगे आपके सामने का वेबसाइट खुल कर आ जाएगा जैसे नीचे दिखाया गया है |
- होम पेज पर आपको यूपी फ्री लैपटॉप योजना के लिंक पर क्लिक करना होगा।
- अब आपको अप्लाई नाउ पर क्लिक करना होगा।
- इसके पश्चात आपके सामने पंजीकरण फॉर्म खुल कर आएगा।
- आपको इस फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे कि नाम, पता, उम्र आदि भरना होगा।
- इसके पश्चात आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
- अब आप को सम्मिट के बटन पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार आप इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे
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ध्यान दें :- ऐसे ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई नई या पुरानी सरकारी योजनाओं की जानकारी हम सबसे पहले अपने इस वेबसाइट sarkariyojnaa.com के माध्यम से देते हैं तो आप हमारे वेबसाइट को फॉलो करना ना भूलें ।
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