एग्री स्टार्टअप 'Inosepians Agro Technology' का तकनीकी उपकरण बनाता है, जो सेंसर की मदद से फसलों में लगने वाले हानिकारक कीटों की जानकारी देने में मदद करता है। #PMKisan #agristartup #KisanSammelan #agritech #aatmanirbharkisan pic.twitter.com/tBOBuDTRxl — Agriculture INDIA (@AgriGoI) October 14, 2022

Agri Tech: ये चश्मा लगाएं और देखें फसल का भविष्य और वर्तमान, कीट-रोग लगने पर अलर्ट कर देगा सेंसर

Agritech Startup: कितना अच्छा रहेगा, यदि फसल में कीट-रोग लगने से पहले ही किसानों को अलर्ट मिल जाए. अब ये मुमकिन है इस खास डिवाइस की बदौलत, जिसका सेंसर 15 दिन पहले ही कीट-रोगों के लिए अलर्ट देता है.

By: ABP Live | Updated at : 15 Oct 2022 06:33 PM (IST)

कीट-रोगों लगने पर अलर्ट कर देगा इस डिवाइस का सेंसर

Agri Startup Conclave 2022: पूरी दुनिया में सबसे पुराना व्यवसाय कृषि ही है. भारत की बड़ी आबादी भी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर ही निर्भर करती है. ये एक अनिश्चितताओं से भरा काम है, जहां किसानों को मौसम की मार से लेकर कीट-रोगों का प्रकोप पर तक झेलना पड़ जाता है, हालांकि मौसम की बेरुखी तो प्राकृतिक है, लेकिन कीट-रोगों के प्रकोप को रोकना को पूरी तरह से किसानों के हाथ में है.

अभी तक किसान कीटनाशकों पर हजारों रुपये खर्च कर देते थे, लेकिन अब महाराष्ट्र के ठाणे की एक एग्री स्टार्टअप (Agri Startup) कंपनी 'इंडोसेपियन एग्रो टैक्नोलॉजी' ने इस समस्या का भी तोड़ निकल लिया है. इस कपंनी ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जिसे चश्मे की तरह पहना जाता है. इसे पहनकर खेतों में निगरानी करने से कीट-रोगों की जानकारी मिल जाती है.

आधुनिक उपकरण बनाती है एग्री स्टार्टअप कंपनी

ये कंपनी अब ऐसे उपकरण तैयार कर रही है, जिससे फसलों की सुरक्षा और निगरानी हो सके. इन्हीं आधुनिक उपकरणों में शामिल है ये चश्मे जैसा डिवाइस. इस डिवाइस के जरिये किसानों को फसल की वर्तमान स्थिति की जानकारी तो मिलती ही है, साथ ही अगले 15 दिन में फसलों में कौन-कौन से समस्याएं दस्तक दे सकती हैं.

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एग्री स्टार्टअप 'Inosepians Agro Technology' का तकनीकी उपकरण बनाता है, जो सेंसर की मदद से फसलों में लगने वाले हानिकारक कीटों की जानकारी देने में मदद करता है। #PMKisan #agristartup #KisanSammelan #agritech #aatmanirbharkisan pic.twitter.com/tBOBuDTRxl

— Agriculture INDIA (@AgriGoI) October 14, 2022

इसके बारे में ये डिवाइस एक अलर्ट देता है. इतना ही नहीं, फसल की वर्तमान की स्थिति और भविष्य की समस्याओं के आधार ये डिवाइस एक एडवायजरी (Agriculture दुनिया में सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है Advisory) भी जारी करती है. इससे किसानों को ये पता लग जाता है कि फसलों में कौन-कौन से रोकथाम के उपाय तुरंत शुरू करने होंगे.

किसानों को मिलेगी ये एडवायजरी

कई कृषि विशेषज्ञों से इसे एक नायाब आविष्कार बताया है. एक ऐसा डिवाइस जो आने वाले 10 से 15 दिन के जोखिमों के बारे में अवगत करवाता है. इससे किसानों को पहले से ही रोकथाम और इसके उपाय करने का मौका मिल जाता है. इस डिवाइस की मदद से किसानों को कीट-रोगों के होने वाले बड़े नुकसान से भी बचा सकते हैं.

उदाहरण के लिये इस बार खरीफ फसलों में कीट-रोगों के कारण किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ गया. सोयाबीन के साथ-साथ दलहनी, बागवानी और धान की फसलें तक कीट और बीमारियों की चपेट में आ गईं. ऐसे ही जोखिमों को कम करने के लिये आजकल के युवा कृषि तकनीकों (Agriculture Technology) पर काम कर रहे हैं, जिससे किसानों की मुश्किलें हर हो सकें.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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Published at : 15 Oct 2022 06:27 PM (IST) Tags: Success Story agriculture technology Agri StartUp Conclave 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Agriculture News in Hindi

Internet Speed के मामले में Jio और Vi का दबदबा, एयरटेल छूट गया पीछे, जानिए कौन है टॉप पर

Internet Speed: TRAI के इनरनेट स्पीड का लेटेस्ट आंकड़ा जारी कर दिया है. Jio 4G, Vi और Airtel तीनों ही कंपनियों के डाउनलोड स्पीड और अपलोड स्पीड का डेटा आ गया है. आइए जानते हैं मार्च महीने में किसी कितनी स्पीड रही है.

Internet Speed

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2022,
  • (अपडेटेड 20 अप्रैल 2022, 6:27 PM IST)
  • Jio 4G ने मार्च दुनिया में सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है में दी सबसे ज्यादा डाउनलोड स्पीड
  • अपलोड स्पीड के मामले में Vi है टॉप पर
  • BSNL ने भी दी है अच्छी खासी स्पीड

बहुत से मोबाइल यूजर्स अपने ऑपरेटर की इंटरनेट स्पीड को लेकर सवाल करते रहते हैं. हर कोई जानना चाहता है कि Jio, Airtel या वोडाफोन-आइडिया कौन-सा ऑपरेटर फास्टेस्ट 4G स्पीड देता है. वैसे तो यह कंपनियां अपने-अपने हिसाब से फास्टेस्ट इंटरनेट प्रदान करने का दावा करती हैं, लेकिन TRAI ने लेटेस्ट रिपोर्ट जारी कर साफ कर दिया है कि तेज स्पीड के मामले में कौन-सा ऑपरेटर टॉप पर है.

TRAI यानी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक वोडाफोन आइडिया (Vi) और Airtel दोनों क्रमशः 17.9 Mbps और 13.7 Mbps की स्पीड से एवरेज डाउनलोड स्पीड प्रदान करते हैं. जियो इस मामले में दोनों से आगे हैं. Jio 4G Speed की बात करें तो इसमें एवरेज डाउनलोड स्पीड 21.1 Mbps की है. वहीं अपलोड स्पीड के मामले में Vi लिस्ट में टॉप पर है.

किसकी डाउनलोड स्पीड है सबसे ज्यादा?

यह डेटा मार्च महीने का है. मार्च 2022 में जियो की एवरेज डाउनलोड स्पीड फरवरी के मुकाबले 2.5 परसेंट बढ़ी है. फरवरी में जहां जियो की डाउनलोड स्पीड 20.6 Mbps थी. मार्च में यह बढ़कर 21.21 Mbps हो गई है. इस दौरान वोडाफोन आइडिया और एयरटेल की स्पीड 2.7 परसेंट और 8.7 परसेंट बढ़ी है. जैसा की पहले ही बताया गया है कि अपलोड स्पीड के मामले में Vi टॉप पर है.

इन 10 गेम्स ने दुनिया को क्रेजी किया रे! बीते 6 माह में सबसे ज्यादा खेले गए, देखें आपका फेवरेट गेम लिस्ट में है या नहीं

महामारी में काफी इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुईं लेकिन गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ में तेजी से आसमान छू रही है। 2021 में भी तेजी बरकरार रही। यहां हम आपको साल 2021 के पहले छह महीनों में सबसे ज्यादा खेले जाने वाले गेम्स के बारे में बता रहे हैं.

10 Most Played Games

PUBG MOBILE

यह गेम बैटल रॉयल मोड में अधिकतम दुनिया में सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है 100 लोगों को एक साथ खेलने की अनुमति देता है। यह विभिन्न मोड प्रदान करता है - 4v4 टीम डेथमैच मोड, ज़ोंबी मोड और बहुत कुछ।

2. Honour of Kings

Honour of Kings

इस खेल के अंतरराष्ट्रीय वर्जन को एरिना ऑफ वेलोर कहा जाता है। यह एक मल्टीप्लेयर ऑनलाइन बैटल एरीना (MOBA) गेम है।

3. Among Us!

Among Us!

Among us इनरस्लोथ द्वारा विकसित किया गया है। इसे 4-10 खिलाड़ी खेल सकते हैं। खेल में एक अंतरिक्ष यान है जहां 10 चालक दल के सदस्य फंस गए हैं।

4. Candy Crush Saga

Candy Crush Saga

इस ऐप के लिए यूजर्स को कैंडीज को स्विच और मैच करना होगा। इसे अकेले या दोस्तों के साथ खेला जा सकता है।

5. ROBLOX

ROBLOX

यह गेम फुल क्रॉस-प्लेटफॉर्म सपोर्ट के साथ आता है और उपयोगकर्ताओं दुनिया में सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है को कंप्यूटर, मोबाइल डिवाइस, एक्सबॉक्स वन या वीआर हेडसेट के माध्यम से खेलने की अनुमति देता है।

6. Free Fire

Free Fire

मोबाइल पर उपलब्ध सर्वाइवल शूटर गेम, यह गेम 10 मिनट के गेम प्ले के साथ आता है।

7. Ludo King

Ludo King

क्लासिक बोर्ड गेम को अधिकतम 4 लोग खेल सकते हैं। यह वीडियो चैट सपोर्ट के साथ आता है।

8. Game For Peace

Game For Peace

गेम फॉर पीस मूल रूप से लोकप्रिय बैटल रॉयल गेम PUBG मोबाइल का चीनी वर्जन है। यह अनिवार्य रूप से खिलाड़ियों की तरह कुछ बदलाव के साथ एक वैकल्पिक वर्जन है।

9. Minecraft Pocket Edition

Minecraft Pocket Edition

यह मल्टीप्लेयर गेम उपयोगकर्ताओं को अधिकतम 10 मित्र क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म बनाने की अनुमति देता है। यह उपयोगकर्ताओं को घरों से लेकर महल तक और बहुत कुछ बनाने की अनुमति देता है।

10. Call of Duty: Mobile

Call of Duty


यह ऐप 100 प्लेयर बैटल रॉयल बैटलग्राउंड और 5v5 टीम डेथमैच के सपोर्ट के साथ मल्टीप्लेयर मैप और मोड के साथ आता है।

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QS World University Rankings 2022: विश्व रैंकिंग में भारत की टॉप यूनिवर्सिटी बनीं IISc, IIT को भी किया पीछे

QS World Rankings 2022: क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 के अनुसार 12 विश्वविद्यालयों की स्थिति में सुधार आया है।

iisc

QS Rankings 2022: आईआईएससी बेंगलुरु फिर देश में सर्वश्रेष्ठ।

हाइलाइट्स

  • क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी कर दी गई है।
  • IISc बेंगलुुरु दुनिया के उच्च शिक्षण संस्थानों में 155वें स्थान पर है।
  • IIT बॉम्बे को मिला 172वां स्थान।

आईआईटी-कानपुर ने 13 पायदान ऊपर चढ़कर इस रैंकिंग के इतिहास में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ 264वां स्थान हासिल किया है। जबकि आईआईटी-रुड़की 31 स्थानों की छलांग लगाते हुए अपने उच्चतम रैंक (369) पर पहुंच गया है। क्यूएस रैंकिंग की इस सूची में आईआईटी-इंदौर को 396वां स्थान मिला है।

रैंकिंग के अनुसार ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी लगातार तीसरे साल क्यूएस की इस सूची में सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाला निजी विश्वविद्यालय है। कुल 41 भारतीय विश्वविद्यालयों ने क्यूएस रैंकिंग की सूची में स्थान प्राप्त किया है, जिनमें 12 के रैंक में सुधार हुआ है, 12 की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ, 10 संस्थानों के रैंक में गिरावट आई, जबकि देश के सात विश्वविद्यालय पहली बार इस सूची में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं।

रैंकिंग के अनुसार, 13 भारतीय विश्वविद्यालयों ने अन्य वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपने शोध प्रभाव में सुधार किया है। दुनिया में सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है वहीं, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों की क्यूएस रैंकिंग में गिरावट आई है।दिल्ली विश्वविद्यालय को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 521-530 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 501-510 स्थान की श्रेणी में रखा गया था।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 601-650 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 561-570 स्थान की श्रेणी में रखा गया था। जामिया मिलिया इस्लामिया को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 801-1000 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 751-800 स्थान की श्रेणी में रखा गया था।

इसके अलावा जामिया हमदर्द को 1201-1400 स्थान की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा हैदराबाद विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय और आईआईटी- भुवनेश्वर की रैंकिंग में भी गिरावट दर्ज की गयी है।

प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ बन संवारें भविष्य, तेजी से बढ़ रही मांग; जानें - कोर्स और नौकरी के अवसर

जानें फर्स्ट एड एक्सपर्ट के क्षेत्र में करियर की संभावनाएं। फोटो - प्रतीकात्मक

दुर्घटना अथवा किसी आपदा का शिकार होने वाले के लिए प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्ट एड) सबसे महत्वपूर्ण होती है। समय पर फर्स्ट एड न मिलने की वजह से प्रतिवर्ष काफी संख्या में लोग जान गंवा देते हैं। लिहाजा इसके विशेषज्ञों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

डाक्टर शबाब आलम। दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्‍पताल ले जाने से पूर्व फर्स्‍ट एड (प्राथमिक चिकित्‍सा) का बड़ा महत्‍व होता है। समय पर प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मिलने से, उनकी जान बचने की उम्मीद काफी बढ़ जाती है। विशेषज्ञ डाक्‍टर या अस्पताल पहुंचने से पहले घायल की जान बचाने के लिए उसे जो सहायता दी जाती है, उसे फर्स्ट ऐड मतलब प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं। आजकल बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं समेत तमाम तरह के हादसों की स्थिति को देखते हुए इस तरह के उपचार देने वाले विशेषज्ञों की काफी जरूरत महसूस की जा रही है।

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कामकाज का क्षेत्र

प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ (फर्स्‍ट एड एक्‍सपर्ट), अस्पताल या अस्पताल के बाहर आपातकालीन चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञों को दुर्घटना अथवा आपदा जैसी आपात स्थितियों को ध्‍यान में रखकर जल्द से जल्द उपचार और सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। ये विशेषज्ञ ज्यादातर एंबुलेंस में ही काम करते हैं, क्योंकि आपातकालीन स्थितियों में एंबुलेंस ही सबसे पहले पहुंचती है और ये विशेषज्ञ इसी स्थिति के लिए प्रशिक्षित किये जाते हैं। एंबुलेंस, सरकारी और निजी अस्पतालों की आपातकालीन सेवाओं के अलावा दमकल, पुलिस और दुनिया में सबसे अच्छा तकनीकी विश्लेषक कौन है आपदा मोचन बलों में भी इनकी सेवाएं ली जाती हैं।

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कोर्स एवं योग्यता

प्राथमिक चिकित्सा को समस्त स्वास्थ्य सेवाओं की मूलभूत एवं महत्वपूर्ण आवश्यकताओं के रूप में देखते हुए इस क्षेत्र के लिए प्रोफेशनल डिप्लोमा कोर्स कराये जा रहे हैं, जो किसी युवा को प्राथमिक चिकित्सा का विशेषज्ञ बनाते हैं। इसके तहत फर्स्ट ऐड से संबंधित शिक्षा, जागरूकता, प्रशिक्षण आदि पहलुओं पर खास जोर दिया जाता है। इसी बढ़ती जरूरत के अनुसार बहुत से संस्‍थानों द्वारा एक वर्षीय प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ (फर्स्ट एड स्पेशलिस्ट) डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है। प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ कोर्स में डिप्लोमा के लिए अभ्यर्थी का किसी भी संकाय या किसी भी मान्यता प्राप्‍त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है। ग्रेजुएट छात्र भी इस कोर्स के लिए आवेदन कर इसमें अपना भविष्य बना सकते हैं।

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लगातार बढ़ रही जरूरत

देखा जाए, तो देश में ही नहीं, पूरे विश्‍व में सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सड़क सुरक्षा विषय पर जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में सड़क हादसों के कारण हर 23 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। विश्व में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली कुल मौतों में से 11 प्रतिशत भारत में होती हैं। इसकी एक वजह सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों की संख्‍या और लापरवाही से की जाने वाली ड्राइविंग है, जिससे रोजाना लोग दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा इंडस्ट्रियल और प्राकृतिक आपदाएं भी बढ़ रही हैं। इसलिए आज प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

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नौकरी के अवसर

जो छात्र चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह पाठ्यक्रम एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। इस कोर्स में डिप्लोमा लेने के बाद छात्र सरकारी व निजी अस्पतालों के अलावा, क्लिनिक्स, फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट, मल्टीनेशनल कंपनियों, माल आदि जगहों पर बतौर फर्स्ट एड स्पेशलिस्ट काम कर सकते हैं। इसके अलावा, यह कोर्स करने वाले अभ्यर्थी अपना प्राथमिक उपचार केंद्र भी खोल सकते हैं।

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मासिक सैलरी

इस क्षेत्र में शुरुआती वेतन 10 से 15 हजार रुपये आराम से मिल जाता है। अनुभव के साथ-साथ वेतन में भी इजाफा होता चला जाता है। सरकारी या निजी अस्पतालों में ऐसे विशेषज्ञ अपने अनुभव के आधार पर वरिष्ठ पदों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, खुद का प्राथमिक चिकित्सा केंद्र खोल कर भी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।

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